प्रदूषण की शिकायत करना हुआ आसान, केजरीवाल ने लॉन्च किया ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप

राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की शिकायत करने के लिए गुरुवार को ‘ग्रीन दिल्ली ऐप‘ लॉन्च कर दिया है।

इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि इस ऐप के जरिये सभी लोग प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों से संबंधित अपनी शिकायतें आसानी से दर्ज करा सकेंगे। शिकायतकर्ता इस ऐप पर वीडियो, फोटो और ऑडिओ भी अपलोड कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस ऐप पर किसी भी तरह के प्रदूषण की शिकायत कर सकते हैं, आप अगर कहीं भी किसी भी तरह का प्रदूषण देख रहे हैं तो आप इस ऐप के जरिये उसकी शिकायत कर सकते हैं।

केजरीवाल ने कहा कि ऐप पर अपलोड करते ही आपकी शिकायत उस विभाग के पास पहुंच जाएगी जिसे उस पर कार्रवाई करनी है। वहीं, विभाग को शिकायत पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करनी होगी। शिकायतों की मॉनिटरिंगग्रीन वॉर रूमसे होगी। 70 ग्रीन मार्शल ऐप परआई शिकायतों को हल करने में मदद करेंगे।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तरगंभीर श्रेणी के करीब

नई दिल्ली। राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर गुरुवा सुबहगंभीर श्रेणी के नजदीक पहुंच गया। हवा की गति धीमी होने और पराली इत्यादि जलाने की घटनाएं बढ़ने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी गई। शहर में सुबह दस बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 392 दर्ज किया गया।

चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई बुधवार को 297, मंगलवार को 312, सोमवार को 353, रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था। शादीपुर, पटपड़गंज, जहांगीरपुरी और विवेक विहार समेत 14 निगरानी स्टेशनों पर एक्यूआईगंभीरश्रेणी में दर्ज किया गया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि बुधवार को हवा की गति कम थी, जिसके कारण प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो गए। उन्होंने कहा कि कुछ समय की राहत के बाद शाम तक वायु गुणवत्ता पुनः बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणालीसफरके अनुसार दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 के संकेंद्रण में पराली जलाने का योगदान बुधवार को 18 प्रतिशत था। हवा की गति धीमी होने और कम तापमान के कारण प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो जाते हैं और हवा की रफ्तार तेज होने से वे बिखर जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई कोअच्छा‘, 51 और 100 के बीचसंतोषजनक‘, 101 और 200 के बीचमध्यम‘, 201 और 300 के बीचखराब‘, 301 और 400 के बीचबेहद खराबऔर 401 से 500 के बीचगंभीरमाना जाता है।

ईपीसीए ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्ययोजना पेश की

 पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने आने वाले वर्षों में वायु प्रदूषण को काबू में करने के लिए कार्ययोजना पेश की है, जिसमें पराली जलाने पर रोक संबंधी शीर्ष अदालत के निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करने, वाहन पार्किंग संबंधी नीति और दिल्लीएनसीआर में सार्वजनिक परिवहन ढांचे में जबरदस्त बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया गया है।

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई एक रिपोर्ट में ईपीसीए ने कहा कि पराली के संबंध में पूर्व एवं बाद दोनों ही स्थिति के मद्देनजर उपाय किए जाने की आवश्यकता है जैसे कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को भत्ता और मशीनें उपलब्ध कराया जाना।

ईपीसीए ने पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में उद्योगों में जलाने के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने और कोयले के उपयोग का इस्तेमाल रोके जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया क्योंकि क्षेत्र में प्रदूषण का यह एक प्रमुख कारक है। ईपीसीए ने आने वाले वर्षों में प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर एनसीआर में सार्वजनिक परिवहन को और मजबूत करने के साथ ही वाहन पार्किंग नीति को तय समयसीमा में लागू करने का भी सुझाव दिया है। 

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