नेपाल की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद देश अस्थिरता की ओर बढ़ रहा है। ऐसे हालात में नेपाली युवाओं के बीच एक नाम सबसे ज्यादा गूंज रहा है – बालेंद्र शाह। युवाओं की चाहत है कि उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाए।
बालेंद्र शाह, जिन्हें आमतौर पर बालेन कहा जाता है, युवाओं के लिए नई उम्मीद बन चुके हैं। वह वर्तमान में काठमांडू के 15वें मेयर हैं। साल 2022 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और प्रमुख राजनीतिक दलों को पीछे छोड़ते हुए बड़ी जीत हासिल की।
रैपर से इंजीनियर और फिर नेता तक का सफर
राजनीति में आने से पहले बालेंद्र शाह नेपाली संगीत जगत का एक बड़ा नाम थे। काठमांडू के अंडरग्राउंड रैप मुकाबलों में उनके गीत और स्टाइल ने युवाओं को खूब प्रभावित किया। यही पहचान राजनीति में उनकी सबसे बड़ी ताकत बनी।
शिक्षा के मामले में भी वह मजबूत पृष्ठभूमि रखते हैं। उन्होंने सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इस कारण उनकी छवि बौद्धिक और सांस्कृतिक दोनों ही रूपों में काफी संतुलित रही है।
मेयर बनते ही बदला काम करने का अंदाज
काठमांडू का मेयर बनने के बाद भी बालेंद्र शाह ने पारंपरिक नेताओं की तरह राजनीति नहीं की। उनका अंदाज बिल्कुल अलग रहा।
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गैरकानूनी बिल्डिंग्स पर बुलडोजर चलवाना,
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शहर की बैठकों को लाइव करना,
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और लापरवाह अधिकारियों को सीधे चुनौती देना—
इन कदमों ने उन्हें युवाओं का हीरो बना दिया।
युवाओं के दिल की आवाज बने बालेन
बालेंद्र शाह ने अपने चुनावी अभियान में उन मुद्दों पर फोकस किया जिनसे आम जनता रोज़ाना जूझती है—जैसे कचरा प्रबंधन, ट्रैफिक जाम, अवैध निर्माण और शहरी अव्यवस्था। पारंपरिक नेता जहां समझौतों और सौदेबाजी में उलझे रहते थे, वहीं बालेंद्र ने सीधे-सीधे समाधान की राह चुनी।
युवाओं की नजर में वह केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि बदलाव का प्रतीक बन चुके हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद युवा अब उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
नेपाल की राजनीति में यह बदलाव एक नई परिभाषा गढ़ रहा है और बालेन शाह इसमें सबसे आगे खड़े हैं।