बेंगलुरू. इसरो द्वारा चांद पर भेजे गए चंद्रयान-3 पर भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं. इससे जुड़े हर नए अपडेट लोगों की धुकधुकी को भी बढ़ा रही है. इस बीच अंतिरक्ष एजेंसी इसरो ने चंद्रमा को चारों ओर मौजूद ट्रैफिक का विस्तृत विशलेषण किया है न कि अभी के लिए बल्कि आने वाले वर्षों के लिए भी. चांद पर मौजूद ट्रैफिक को दूर करना इसरो के लिए एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर, जिसने साल 2019 में 31 जुलाई को चंद्र कक्षा में प्रवेश किया था, उससे पहले तीन बार वहां मौजूद अन्य अंतरिक्ष यानों से टकराने से बचा था.
रूस का लूना-25 23 अगस्त तक चांद पर करेगा लैंड
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसरो ने कहा कि पृथ्वी से परे अंतरिक्ष की खोज एक चुनौतीपूर्ण वेंचर रहा है. चंद्रमा और मंगल वर्तमान में सबसे अधिक खोजे गए और भीड़भाड़ वाले ग्रह पिंड हैं. हालाँकि, लूनर एक्सप्लोरेशन और मंगल ग्रह पर कॉलोनाइजेशन की तैयारियों में नई रुचि के कारण आने वाले वर्षों में चंद्रमा के आसपास गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद है. इसरो ने कहा, “उम्मीद है कि रूस का लूना-25 (लैंडर और रोवर) 16 अगस्त तक 100 किमी की चंद्रमा की कक्षा में होगा और 21-23 अगस्त, 2023 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा.”
ग्रहों के ऑर्बिट में खतरों से बचने को लेकर जारी की चेतावनी
इसरो ने ग्रहों की कक्षाओं में नज़दीकी खतरों से बचने के लिए शमन प्रथाओं को तैयार करने के लिए पर्यावरण को बेहतर ढंग से समझने के महत्व पर प्रकाश डाला. एजेंसी ने संयुक्त राष्ट्र और अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति द्वारा वर्तमान अंतरिक्ष मलबा शमन दिशानिर्देशों का उल्लेख किया, जो वर्तमान में पृथ्वी की कक्षा में इंजेक्ट किए गए अंतरिक्ष यान और कक्षीय चरणों पर लागू होते हैं.
ISRO का चंद्रमा के चारों ओर ट्रैफिक का विशलेषण अहम
एजेंसी ने लूनर ऑर्बिट के बारे में जानकारी प्रदान की, जिसमें कहा गया कि लूनर ऑर्बिट में ऑर्बिटल इव्लोयूएशन मुख्य रूप से लूनर ग्रैविटी, सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण और सूर्य रेडिएशन प्रेशर से प्रभावित होता है. इसरो ने विभिन्न प्रकार की लूनर ऑर्बिट पर भी चर्चा की, जिसमें लैंग्रेंज बिंदु के चारों ओर हेलो कक्षा(Halo Orbit), लगभग रेक्टिलिनियर हेलो कक्षा, लो लूनर ऑर्बिट और दूरस्थ प्रतिगामी कक्षा (Distant Retrograde Orbit) शामिल हैं. निष्कर्ष के तौर पर बात करें तो चंद्रमा के चारों ओर यातायात का इसरो का विश्लेषण और भविष्य के मिशनों को प्रबंधित करने के इसके प्रयास पृथ्वी से परे अंतरिक्ष की निरंतर खोज और उपयोग के लिए महत्वपूर्ण हैं.