सफाई अभियान उन लोगों के लिए मजाक है जिसकी मानिसकता में गंदगी जमी है
रणघोष खास. सफाई योद्धा की कलम से
गंदगी दो तरह की होती है। एक सार्वजनिक तौर पर नजर आती है दूसरी मानसिकता में जमी रहती है। नजर आने वाली गंदगी को संसाधनों से खत्म किया जा सकता है लेकिन मानसिकता वाली गंदगी को साफ करने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। समाज में मानसिक गंदगी सबसे ज्यादा घातक होती है क्योंकि वह अपनी अंदर की दुर्गंध को बेहद ही चालाकी, शातिर दिमाग से बाहरी तौर पर किसी को महसूस नही होने देती। लेकिन एक समय बाद वह समाज में नजर आने वाले बेहतर बदलाव से घबराकर अपने अंदर के कचरे को अलग अलग रास्तों से बाहर निकाल समाज को प्रदूषित करना शुरू कर देती है।
रेवाड़ी शहर के इतिहास में पहली बार ऐसा सफाई अभियान चल रहा है जिसने महज दो महीने के अंतराल में घर घर में स्वच्छता की अलख जगा दी है। सभी संगठन, जागरूक, जिम्मेदार नागरिक सफाई योद्धा बनकर कड़ाके की ठंड में हाथ में झाडू लेकर अपनी रेवाड़ी मां के शरीर पर बिखरी गंदगी को साफ करने के लिए निकल पड़े हैं। इन योद्धाओं का कहना है की यह हमारी जन्म ओर कर्मभूमि है। जिसे गंदा हमने किया है तो साफ सुथरा भी हम करेंगे। हमसे आबादी और आकार में कई गुणा बड़ा इंदौर जब देश में सबसे सुंदर शहर हो सकता है तो मेरा रेवाड़ी क्यों नही बन सकता। इसी स्वच्छ सोच के साथ यह अभियान सफाई उत्सव में बदलते हुए महोत्सव बन गया है।
दुर्गंध फैलाने वाली मानसिकता से परिचय करिए
अब आपको उस मानसिकता से परिचय कराते हैं जिसे मानसिक दुर्गंध कहे तो बड़ी बात नही होगी। एक महाशय खुद को वरिष्ठ, सबसे ज्यादा समझदार पत्रकार मानकर इस अभियान का यह कहकर मजाक उड़ा रहा है की यह असली मुद्दा नही है। मुद्दे तो बाइपास, नेशनल हाइवे है जिस पर तीन महीने पहले रेवाड़ी के विधायक बने लक्ष्मण यादव, हरियाणा की नायब सरकार खामोश है। वे अपनी विडियो में उस नेता की पैरवी ओर वकालत करते हुए नजर आ रहे हैं जिसके परिवार ने 45 सालों तक इस शहर पर राज किया है। ओर उस नेता को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है जो पहली बार इस सीट पर विधायक बना है ओर उसे महज तीन महीने हुए हैं। यह अपनी विडियो में चतुराई से उस बात को मुददा बनाकर झूठ को परोस रहा है जिसकी कोई चर्चा विधानसभा चुनाव में लक्ष्मण यादव ने इस महाशय नही की थी। खुद विधायक लक्ष्मण यादव हैरान है की चुनाव में यह मुददा था ही नही। उन्होने सिर्फ इतना ही कहा था रेवाड़ी के जो हालात है वह लंबे समय तक राज करने वाले एक परिवार की देन है। यह पत्रकार किस मानसिकता से उनका जबरदस्त बचाव कर रहा है। इस पर गौर करना चाहिए। असली मुददा तो यही है की वह जानबूझकर किस मानसिकता से ग्रसित होकर सफाई अभियान का एक तरह से मजाक उड़ाने का दुस्साहस कर रहा है। मानसिक तौर पर कुंठित नजर आने वाला यह बुजुर्ग पत्रकार भूल गया की 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले राष्ट्रीय संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हुए खुले में शौच जैसी मानिसकता को खत्म करने में सभी से जनआहवान किया था। जिसकी सराहना विश्व पटल पर हो रही है। इतना ही नही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी जीवन भर स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का सबसे महत्वपूर्ण कार्य माना था। हैरानी की बात यह है यह बड़े बड़े मुददो की बात करने वाला यह शख्स जहां रहता हैं वहां से गुजर रही सड़क कई सालों से जर्जर पड़ी हुई है। उसने कभी इस पर गोर नही किया।
इस महाशय की मानसिकता को देखिए। वह विडियो में विधायक को नसीहत दे रहे हैं की वो अभियान में झाडू लगाने से ज्यादा बाइपास जैसे असली मुद्दे पर गौर करें। कोई इससे पूछे की यह अभियान सप्ताह में एक दिन प्रत्येक शनिवार को महज दो घंटे इसलिए चलाया जा रहा है ताकि सभी लोग सफाई को लेकर जागरूक रहे ओर अपने स्तर पर गंदगी को नही फैलाए। दीपावली पर अभियान की शुरूआत हुई थी जो आज आई लव रेवाड़ी की गूंज बनकर चारों तरफ सुंगध फैला रहा है। जबकि यह महानुभव अपनी विडियो में यह बताने का प्रयास कर रहा है मानो विधायक 24 घंटे सफाई अभियान में डूबे रहते है उसे बाइपास जैसे असली मुददों पर गौर करने का समय तक नही है। इसलिए वह हमारी विडियो को देखे, उस पर गौर करे। अपने ज्ञान के स्तर को बढ़ाए।
इस अभियान के सफाई योद्धाओं का मानना है की स्वच्छता की महक से मानसिकता में गंदगी रखने वालों का मानसिक संतुलन का बिगड़ना लाजिमी है। इसलिए ऐसे लोग स्वच्छता अभियान के भागीदार बनने की बजाय रामायण में मंथरा के उस चरित्र को अपनाना शुरू कर देते हैं जिसका मकसद अपने स्वार्थ के लिए अपनी रानी को गुमराह कर उन मर्यादाओं को कमजोर करना था जिसकी पहचान से गर्व की अनुभूति होती थी। रेवाड़ी आने वाले दिनों में देश प्रदेश का सबसे सुंदर, साफ सुथरा शहर बन जाए। इस पर वही खिलखिलाएगा, मुस्कराएगा जो अपनी रेवाड़ी को मा का स्वरूप मानकर उस पर लगे गंदगी के दाग को हटाने के लिए अभियान में सफाई योदधा बनकर आ रहा है।