वरना वॉरंटी हो जाएगी खत्म, नहीं मिलेगा इंश्योरेंस
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते देश में CNG कारों की मांग बढ़ रही है.10 लाख रुपये से कम के सेगमेंट में ज्यादातर लोग सीएनजी कार खरीद रहे हैं. इतना ही नहीं मारुति और टोयोटा जैसी कंपनियां तो अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी ग्रैंड विटारा, ब्रेजा और हाइराडर जैसी एसयूवी को भी सीएनजी के ऑप्शन के साथ बेच रही हैं. सीएनजी का सबसे बड़ा फायदा है कि ये वर्तमान में पेट्रोल-डीजल के मुकाबले सस्ती है और माइलेज भी ज्यादा मिल जाता है.
सीएनजी फ्यूल के इन्हीं फायदों के चलते लोग अपनी कारों में बाहर से सीएनजी लगवा रहे हैं. इससे कारों का माइलेज 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. हालांकि, कुछ लोग बाजार से सीएनजी किट लगवाने के बाद बड़ी गलतियां कर देते हैं. जैसे वे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और इंश्योरेंस पॉलिसी में सीएनजी किट को नहीं चढ़वाते हैं. ऐसा करना गलत तो है ही साथ ही एक्सीडेंट होने की स्थिति में मुश्किल और बढ़ सकती है. कंपनी क्लेम देने से मना कर सकती हैं. इसलिए जरूरी है कि किट लगवाने के बाद RC और बीमा पॉलिसी में सीएनजी किट को जरूरी चढ़वाएं. अगर आप बाहर से सीएनजी किट लगाते हैं तो 3 स्थितियां बन सकती हैं.
पहली स्थिति
अगर सीएनजी किट की जानकारी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर दर्ज है, लेकिन इंश्योरेंस पॉलिसी में इसका जिक्र नहीं है. इस तरह की स्थिति में एक्सीडेंट होने पर जब आप क्लेम दर्ज करते हैं तो इंश्योरेंस कंपनियां आपको क्लेम देंगी, लेकिन कंपनी आपको पूरा क्लेम नहीं देगी. क्लेम सेटल्ड और नॉन स्टैंडर्ड बेसिस पर होगा. कंपनी करीब क्लेम की टोटल राशि का 25 प्रतिशत काट सकती हैं. इसलिए जरूरी है, बीमा कराते वक्त ही सीएनजी किट का बीमा में जुड़वा लें.
दूसरी स्थिति
अगर सीएनजी किट की जानकारी इंश्योरेंस पॉलिसी में है, लेकिन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर दर्ज नहीं है. इस तरह की स्थिति में सभी कंपनियों के अलग-अलग रूल्स हैं. जैसे कुछ कंपनियां कुछ हिस्सा काटकर क्लेम की रकम दे सकती हैं, लेकिन कुछ कंपनियां ऐसे मामले में क्लेम को पूरी तरह से रिजेक्ट कर देते हैं. इसलिए इंश्योरेंस कराने से पहले कंपनी से पूरी जानकारी हासिल कर लें.
तीसरी स्थिति
अगर सीएनजी किट की जानकारी न रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज है और न पॉलिसी में दर्ज है. ऐसी स्थिति में एक्सीडेंट हो जाता है तो बीमा कंपनी किसी तरह के क्लेम का भुगतान नहीं करेगी. इसके अलावा बाहर से सीएनजी लगवाकर बिना रजिस्ट्रेशन में दर्ज कराए कार चलाना गैरकानूनी माना जाता है. इसके लिए चालान भी हो सकता है.
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