CTET , UPTET : 9वीं से 12वीं के लिए भी टीईटी लागू करने की तैयारी में एनसीटीई

आने वाले समय में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा ( सीटीईटी ) के नियमों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) बहुत जल्द कक्षा 9वीं से 12वीं के स्तर पर शिक्षकों की पात्रता के लिए सीटीईटी शुरू कर सकता है। वर्तमान में सीटीईटी का पेपर-1 कक्षा एक से 5वीं के लिए और पेपर-2 कक्षा छह से 8वीं के स्तर का शिक्षक बनने के लिए होता है। यूपीटीईटी में भी प्राइमरी कक्षा 1 से 5 तक शिक्षकों के लिए पेपर-1 और अपर-प्राइमरी कक्षा 6 से 8 तक के लिए पेपर-2 होता है। एनसीटीई की सदस्य सचिव आईआरएस केसांग वाई शेरपा ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने विभिन्न स्तरों पर टीईटी को लागू करने सिफारिश की है, ऐसे में एनसीटीई माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से कक्षा 12 तक) पर टीईटी का प्रस्‍ताव रखने और उसे लागू करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने यह बयान शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दिया।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने केन्‍द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) को ध्‍यान में रखते हुए आवश्यक सुधारों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था। सम्मेलन में सीबीएसई की चेयरपर्सन, आईएएस निधि छिब्बर ने कहा कि एक शिक्षक की क्षमता कक्षा में एक प्रभावी वातावरण बनाती है, इसलिए शिक्षक पात्रता परीक्षा एक शिक्षक की क्षमता और दक्षता को समझने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सीबीएसई लंबे समय से टीईटी परीक्षा आयोजित कर रहा है और इसलिए उसके पास व्यापक अनुभव है, हम टीईटी का डेटा एनसीटीई के साथ साझा करेंगे और भविष्य की योजना को मिलकर लागू करेंगे।

आईआरएस और प्रधान आयुक्त, आयकर विक्रम सहाय ने टीईटी के विभिन्न पहलुओं पर बात की और कहा कि शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर चुनौतियों का स्तर भी बदलता है, इसलिए प्रत्येक स्तर की पात्रता के लिए मानकीकरण भी आवश्यक है। एनसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि अंकों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, शिक्षा प्रणाली का मुख्य ध्यान छात्रों में भारतीय लोकाचार और मूल्यों को विकसित करने पर भी होना चाहिए जैसा कि एनईपी 2020 में परिकल्पना की गई है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कहा कि शिक्षा व्यक्ति में समझ विकसित करती है।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के टीईटी संयोजक अभिमन्यु यादव ने टीईटी पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी और इसकी स्थापना के बाद से देश भर में स्कूल शिक्षकों की गुणवत्ता और क्षमता में सुधार करने में टीईटी की यात्रा पर प्रकाश डाला। प्रस्तुति देते समय, उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया, पात्रता मानकों और स्कूलों में योग्य शिक्षण पेशेवरों के चयन को सुनिश्चित करने और एनईपी 2020 के दृष्टिकोण के अनुसार इसे स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों तक विस्तारित करने के महत्व जैसे कई बिंदुओं पर चर्चा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *