हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में शानदार जीत हासिल करने के बाद लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी। मुख्यमंत्री और 13 मंत्रियों सहित 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल में इस बार दक्षिण हरियाणा का रुतबा बढ़ गया है। दक्षिण हरियाणा से छह विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इनमें चार को कैबिनेट मंत्री और दो को राज्य मंत्री बनाया गया है। अहीरवाल क्षेत्र को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर दो मंत्री मिले हैं। दक्षिण हरियाणा ने 2014, 2019 और 2024 में हरियाणा में भाजपा सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा के तीसरे कार्यकाल में इस क्षेत्र के विधायकों को अधिकतम प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है।
कैबिनेट मंत्रियों की हुई वापसी बता दें कि 2014-19 के बीच मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे राव नरबीर सिंह और विपुल गोयल ने मंत्री के रूप में वापसी की। गुड़गांव के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव के साथ किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को भी कैबिनेट में जगह मिली है। चुनाव से पहले मां-बेटी कांग्रेस से बीजेपी में आ गई थी। तिगांव से राजेश नागर और पलवल से पहली बार विधायक बने गौरव गौतम को भी मंत्री बनाया गया।
दक्षिण हरियाणा से 6 मंत्री
भाजपा के तीसरे कार्यकाल में दक्षिण हरियाणा को सर्वाधिक छह मंत्री मिले हैं। मनोहर लाल के नेतृत्व वाली पहली भाजपा सरकार (2014-19) में दक्षिण हरियाणा में पांच मंत्री थे। हरियाणा में जेजेपी के साथ गठबंधन में बनी बीजेपी की दूसरी सरकार, मनोहर लाल सरकार (2019-24) में दक्षिण हरियाणा से मंत्रियों की संख्या घटकर तीन रह गई थी।
अहीरवाल क्षेत्र को दो मंत्री
अहीरवाल क्षेत्र जो दक्षिण हरियाणा का हिस्सा है। अहीरवाल में गुरुग्राम, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिला आता है। यहां से दो मंत्री मिले हैं। इनमें राव नरबीर सिंह और आरती राव हैं। अहीरवाल क्षेत्र की 11 सीटों में से 10 पर बीजेपी ने जीत हासिल की है। राव नरबीर दक्षिण हरियाणा के सबसे वजनदार मंत्री होंगे। उन्होंने चौथे नंबर पर शपथ ली।
दक्षिण हरियाणा से महिला मंत्री
नायब सिंह सैनी की सरकार में दो महिला मंत्री हैं। दोनों ही दक्षिण हरियाणा से हैं। श्रुति चौधरी और आरती राव दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की पोती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की पोती श्रुति चौधरी ने 2009 में महेंद्रगढ़-भिवानी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और इनेलो के अजय सिंह चौटाला को हराकर संसद सदस्य बनीं।