10 साल पहले विक्रम यादव के पास किराए की राजनीति ताकत थी, आज अपनी दिखाएंगे
रणघोष अपडेट. कोसली की कलम से
जिला रेवाड़ी में सबसे ज्यादा उपजाऊ राजनीति पैदावार करने वाली कोसली की जमीन का मालिकाना हक बदलने लगा है। 10 साल पहले भाजपा की टिकट पर विक्रम यादव यहां से विधायक बनकर सीधे मंत्री बने थे। उस समय वे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की किराए पर दी हुई राजनीति ताकत से पहचान बनाए हुए थे। विक्रम यादव का एक एक कदम राव इंद्रजीत के इशारों पर चहलकदमी करता था। आज परिस्थिति एकदम बदल गई है। विक्रम यादव ने किराए की राजनीति छोड़कर अपनी हैसियत वाली जमीन तैयार कर ली है। जिस पर वे 8 सितंबर को बिजाई करेंगे। देखने वाली बात यह होगी इस नेता की जमीन इस चुनाव में कितनी उपजाऊ नजर आएगी या बंजर यह चुनाव के परिणामों से साफ हो जाएगा। इतना जरूर है की विक्रम यादव ने अपनी जमीन तैयार करने में कोई कसर नही छोड़ी है इसलिए बड़ा कदम उठाने के लिए पहले से ही खुद को समय से पहले मानसिक तोर पर मजबूत कर लिया है।
अगर विक्रम यादव निर्दलीय मैदान में उतरे तो मुकाबला बेहद ही दिलचस्प ओर परिणाम को उलट पुलट करने वाला होगा। भाजपा- कांग्रेस के बाद विक्रम यादव ऐसा चेहरा होंगे जो पूरी तरह से हर गांव में वोटों का गणित बदलते रहेंगे। इसकी वजह भी साफ है। इस बार किसी भी राजनीतिक दल की कोई हवा नही है जो रूख को बदल दे। सबकुछ उम्मीदवार की अपनी हैसियत ओर सामाजिक सरोकार पर निर्भर है। इस मामले में विक्रम यादव ने पिछले पांच सालों में अच्छी खासी मेहनत की है। वे पारिवारिक और सामाजिक छवि को बनाए रखने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं। इसलिए पूरे जोश के साथ सोची समझी रणनीति ओर समझदारी से 8 सिंतबंर को अपने कार्यालय में समर्थकों के बीच बड़ा एलान कर सकते हैं। ऐसा होते ही कोसली की राजनीति में वह करंट आ जाएगा जिसकी वजह से वह जानी जाती है।