जिस गोबर को पहले वेस्ट समझा जाता था, आज उसी गोबर से कई तरह के किफायती उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. इनमें पेंट भी शामिल है. आपने कई प्रकार के महंगे पेंट का विज्ञापन टीवी पर देखा होगा, लेकिन अब भारत का असली देसी पेंट छत्तीसगढ़ में बनाया जाने लगा है. इस पेंट का निर्माण गाय के गोबर से किया जा रहा है. वहीं, इसकी खूबियां जानकर आप भी इस पेंट के दीवाने हो जाएंगे.
कोरबा के पाली विकासखंड के छोटे से गांव दमिया में गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट का निर्माण किया जा रहा है. अब कोरबा की महिलाएं भी गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाकर हज़ारों कमा रही हैं. प्राकृतिक पेंट बनाने से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है. राज्य सरकार की मदद से गांव की महिला समूह के लिए प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई स्थापित की गई है. इससे गांव की महिलाओं को गांव में ही रोजगार भी मिल रहा है.
लागत से दोगुना मुनाफा
पाली की महिला स्वयं सहायता समूह ने बताया कि गोबर पेंट-डिस्टेंपर के निर्माण में 70-80 रुपये प्रति लीटर की लागत आती है. समूह द्वारा गौठान में निर्मित प्राकृतिक पेंट को 150 रुपये प्रति लीटर की दर से विक्रय किया जा रहा है. गोबर पेंट-इमर्शन निर्माण में 140-150 रुपये प्रति लीटर लागत आती है, जिसे समूह द्वारा 265 रुपये प्रति लीटर की दर से विक्रय किया जा रहा है. पेंट निर्माण इकाई में स्थापित मशीनों को संचालित करने में 6-7 व्यक्तियों की आवश्यकता होती है. लागत से मुनाफा दोगुना हो रहा है.
पेंट की खासियत
कृषि विस्तार अधिकारी ने बताया कि गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, नॉन टॉक्सिक और पर्यावरण हितैषी होता है. साथ ही अपने प्राकृतिक गुणों के कारण घर को ठंडा रखने का कार्य करता है. इको फ्रेंडली होने के कारण लोगों को काफी रास आ रहा है.
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