रणघोष अपडेट. देशभर से
विपक्षी दलों ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ सदन की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। नोटिस पर कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, डीएमके और आरजेडी के 50 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर हैं। नोटिस को राज्यसभा सचिवालय को सौंपा गया। हालांकि अडानी घूसकांड के मुद्दे पर दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा नहीं होने दी गई। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल इस मुद्दे को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन से उठा रहे हैं। मंगलवार को संसद का 12वां दिन था, लेकिन बिना कोई काम किये सत्र स्थगित कर दिया गया।अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दोनों सदनों में जबरदस्त शोरशराबे के बीच पेश किया गया था। हालांकि विपक्ष ने अडानी घूसकांड को लेकर नारेबाजी की तो भाजपा के सांसद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस के बीच कथित संबंधों सहित मामले को उछाला।क्या उपराष्ट्रपति के खिलाफ लाया गया महाभियोग प्रस्ताव सफल हो पाएगा, इसकी बहुत मामूली संभावना भी नहीं है। क्योंकि राज्यसभा में इस प्रस्ताव को रखने के लिए विपक्ष के पास आवश्यक संख्या में सांसद नहीं हैं। लोकसभा में तो वैसे भी विपक्ष के पास संख्या नहीं है। लेकिन विपक्ष इन तकनीकी नुक्तों से बेपरवाह है। उसका कहना है कि यह प्रतीकात्मक विरोध है, जिसका मकसद यह बताना है कि राज्यसभा में सभापति धनखड़ सदन को ठीक से नहीं चला रहे हैं। उनका झुकाव सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ है, जबकि वो सदन के सर्वेसर्वा हैं। उन्हें तटस्थ रहना चाहिए। अडानी घूसकांड पर ईमानदार धनखड़ विपक्ष को बोलने नहीं दे रहे हैं लेकिन जॉर्ज सोरोस-कांग्रेस के कथित संबंधों के फर्जी आरोपों पर बोलने के लिए वो भाजपा सांसदों को चुन-चुन कर मौका दे रहे हैं।दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने पत्रकारों से कहा कि बीजेपी अडानी मुद्दे पर चर्चा करने से डर रही है। प्रियंका ने कहा- “मैं संसद में नई हूं लेकिन अभी तक पीएम को संसद में नहीं देखा। हमें यह मुद्दा (अडानी घूसकांड) क्यों नहीं उठाना चाहिए?”कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ”यह देश का दुर्भाग्य है कि सत्ताधारी दल संसद को चलने नहीं दे रहा है। इससे करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। मुद्दों पर चर्चा के लिए संसद बुलाई जाती है। भारत के इतिहास में पहली बार है कि सत्ताधारी दल सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहा है…।”आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर सदन नहीं चलाने का आरोप लगाया और पूछा, ‘अगर वे नारे लगाना चाहते हैं, तो उन्हें लगता है कि वे हमसे जीत सकते हैं?’ उन्होंने कहा, “हम विपक्ष में हैं, हम उनसे ज्यादा ऊंचे नारे लगा सकते हैं… मैं दिल्ली के 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने का मुद्दा उठाना चाहता था… उन्हें लगता है कि वे सदन को बाधित कर सकते हैं और हम बस देखते रहेंगे। अब ऐसा होगा। हर दिन, हर घंटे हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।”कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भाजपा को “सदन चलाने की कोई इच्छा नहीं है।” उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष भगवा पार्टी को उपकृत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह चौंकाने वाला है कि सत्तारूढ़ दल सदन को बाधित कर रहा है।”उधर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को सवाल किया कि कांग्रेस इस बात पर स्पष्टीकरण क्यों नहीं दे रही है कि जॉर्ज सोरोस का सोनिया गांधी से क्या संबंध है। उन्होंने कहा, “वे सदन को चलने नहीं दे रहे हैं और फिर सदन के बाहर अराजकता पैदा कर रहे हैं।” बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, “उनके नारे सुनिए…खुद शोर मचाते हैं और फिर कहते हैं कि सदन चलाओ…बहुत विरोधाभास है। कांग्रेस को जवाब देना होगा।”
स्पीकर ओम बिड़ला नाराज
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को सदन में व्यवधान पर असंतोष जताया। बिड़ला ने कहा- “मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आज (मंगलवार) विपक्ष और सत्ता पक्ष के प्रमुख नेताओं का व्यवहार संसद के मानदंडों के अनुरूप नहीं है… मैं सभी पक्षों से – चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सभी पार्टी सदस्यों से – अनुरोध करता हूं कि वे इसे बनाए रखें। अगर संसद की गरिमा, परंपराएं और प्रतिष्ठा कायम रहेगी तो लोगों में पॉजिटिव संदेश जाएगा।”