यमुना विकास प्राधिकरण (यीडा) ग्रेटर नोएडा के तीन सेक्टरों में 20 भूखंडों की ग्रुप हाउसिंग की योजना लाएगा। इन भूखंडों में करीब 20 हजार फ्लैट बनेंगे। इस योजना में तीनों प्राधिकरण में डिफॉल्टर घोषित हो चुके बिल्डरों को आवेदन की अनुमति नहीं होगी।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग स्कीम के तहत बड़े भूखंडों का आवंटन सेक्टर-18, सेक्टर-17 और सेक्टर-22डी में किया जाएगा। सेक्टर-18 में छह भूखंडों का आवंटन किया जाएगा। सेक्टर-17 में पांच भूखंडों का आवंटन होगा और सेक्टर-22बी में नौ ग्रुप हाउसिंग प्लॉट का आवंटन किया जाएगा।
इन भूखंडों का क्षेत्रफल 16,188 वर्ग मीटर से 20,235 वर्ग मीटर तक होगा। योजना के लिए जल्द ही ब्रोशर ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया जाएगा। भूखंडों का आवंटन नीलामी के जरिए होगा। किसी भी भूखंड के लिए कम से कम दो कंपनियों के आवेदन मिलने जरूरी हैं।
जिन भूखंडों पर न्यूनतम आवेदक नहीं मिलेंगे, उनकी नीलामी नहीं की जाएगी। इसके लिए न्यूनतम आवंटन दर निर्धारित की जाएगी, जिसके तहत उसके ऊपर बोली लगानी होगी। सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी को भूखंडों का आवंटन किया जाएगा। इस परियोजना से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दो हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा।
यमुना विकास प्राधिकरण के सेक्टर 22ए, 22बी और 22 डी में अटकी परियोजनाओं को गति मिलेगी। कोर्ट में लंबित मामलों के चलते काम पूरा करने के लिए प्राधिकरण और किसानों में सहमति बन गई है। किसानों ने अपनी याचिकाएं वापस ले ली हैं। जल्द ही सलारपुर के 1962 किसानों को जमीन का 285 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाएगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने बताया कि सालारपुर के किसानों के साथ भूमि अधिग्रहण से जुड़े विवाद हाई कोर्ट में थे। 382 किसानों ने याचिका दायर की थी। यह लड़ाई दस वर्षों से चल रही थी। इससे 1962 किसानों को अतिरिक्त 64.7 प्रतिशत मुआवजा नहीं मिला था। अब किसानों ने याचिका वापस ले ली है। इस फैसले से प्राधिकरण को 501 हेक्टेयर जमीन मिलेगी।