US में भारतीय छात्रों और H-1B वीजा धारकों पर ट्रंप प्रशासन की नई मार, जबरन डिपोर्ट करने की तैयारी

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारतीय समेत कई देशों के प्रवासियों पर सख्ती बढ़ा दी है। अब छात्र वीजा (F-1) और H-1B वीजा धारकों को निशाने पर लिया जा रहा है। आरोप है कि कई प्रवासी अमेरिका में रहते हुए अनधिकृत काम कर रहे हैं और इस दौरान टैक्स चोरी भी कर रहे हैं।

IRS और ICE की संयुक्त कार्रवाई

  • अमेरिकी आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) ने प्रवासियों का डेटा आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) के साथ साझा किया है।

  • रिपोर्ट्स के अनुसार, कई प्रवासियों ने बिना अनुमति अतिरिक्त रोजगार किया और आय की जानकारी छुपाई।

  • इसे टैक्स चोरी माना गया है, जिसके आधार पर अब निर्वासन (Deportation) की कार्रवाई की जा सकती है।

H-1B और छात्र वीजा धारकों पर खतरा

इमिग्रेशन वकील जथ शाओ के मुताबिक:

  • ऐसे मामलों में खासकर H-1B वीजा धारकों को अमेरिका में प्रवेश से रोका जा रहा है।

  • कई बार छात्र वीजा (F-1) पर बिना अनुमति पार्ट-टाइम काम करने को भी अपराध बताया जा रहा है।

  • छोटे-मोटे पुराने कानून उल्लंघन को भी अब बड़ी साजिश के रूप में पेश किया जा रहा है।

पिछली कमाई पर भी जांच

शाओ ने बताया कि कभी-कभी साधारण मामलों — जैसे ट्रैफिक उल्लंघन में पकड़े जाने पर भी, प्रवासी की पृष्ठभूमि जांची जा रही है।

  • वर्षों पहले छात्र रहते हुए रेस्तरां या फास्ट-फूड शॉप पर काम करने को भी अब अपराध माना जा रहा है।

  • इन मामलों के चलते वीजा विस्तार, एंट्री या भविष्य में ग्रीन कार्ड की संभावना प्रभावित हो सकती है।

बढ़ता निर्वासन का खतरा

हालांकि, ICE की इस तरह की कार्रवाई अभी बड़े स्तर पर नहीं हुई है, लेकिन संकेत हैं कि आने वाले समय में इसे और तेज किया जा सकता है।
इससे भारत समेत कई देशों के हजारों प्रवासियों पर डिपोर्टेशन का खतरा मंडरा रहा है।