रणघोष अपडेट. यूएसए से
अमेरिकी जांच एजेंसियां ओरेगॉन के पोर्टलैंड क्षेत्र में दो मतपत्र ड्रॉप बॉक्स में लगी आग के साथ-साथ वैंकूवर, वाशिंगटन में हुई इसी तरह की घटना की जांच कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। पोर्टलैंड पुलिस ब्यूरो ने बताया कि अधिकारियों को ओरेगॉन में स्थानीय समयानुसार सोमवार सुबह लगभग 3:30 बजे मतपेटी में आग लगने की घटना के लिए बुलाया गया था। वहां “आग लगाने वाले उपकरण” का इस्तेमाल किया गया था। सुरक्षाकर्मियों ने आग पर फौरन काबू पा लिया। सीएनएन के मुताबिक मल्टनोमाह काउंटी चुनाव निदेशक टिम स्कॉट ने पुष्टि की कि बॉक्स के अंदर तीन हिस्से जल गये। अब अधिकारी इनकी जगह दूसरे मतपत्र देने के लिए उन मतदाताओं से संपर्क करेंगे। मतपेटी बॉक्स के जरिये ऐसे मतदाताओं की पहचान कर ली गई है। जिन मतदाताओं के मतपत्र जल गये हैं, उनके वोट की गिनती की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने अपील की है कि जिन लोगों ने शनिवार और रविवार को अपने मतपत्र यहां जमा कराये थे, उन्हें आगे आकर उस बारे में बताना चाहिए। उनके वोट गिने जाएंगे। वैंकूवर में सोमवार तड़के एक बस स्टेशन के पास पोलिंग बूथ में मतपेटी में आग लगा दी गई। वैंकूवर पुलिस जांच कर रही है। जलती हुई मतपेटी के बगल में एक “संदिग्ध उपकरण” मिला। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, क्लार्क काउंटी चुनाव कार्यालय ने कहा कि सैकड़ों मतपत्र जल गये हैं। ट्रप बोले- मैं नाजी नहीं हूंः डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने समर्थकों से कहा कि वह “नाज़ी नहीं हैं।” उन्होंने अपनी अथॉरिटी को सर्वोच्च मानने के आरोपों को खारिज कर दिया। सेना के एक पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ ने ट्रंप को फासीवादी करार दिया था। ट्रंप ने अटलांटा रैली में कहा, “कमला और उनके अभियान की सबसे नई लाइन यह है कि जो कोई भी उन्हें वोट नहीं दे रहा है, वह नाज़ी है। लेकिन मैं नाज़ी नहीं हूं। मैं नाज़ी के खिलाफ हूं।” यह टिप्पणी ट्रंप को इसलिए करना पड़ी, क्योंकि न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध मैडिसन स्क्वायर गार्डन में एक मेगा-रैली के दौरान उनके सहयोगियों ने नस्लवादी टिप्पणियां की थीं। जिसकी व्यापक निंदा हो रही है।न्यूयॉर्क टाइम्स को दिये गये इंटरव्यू में ट्रंप कार्यकाल के दौरान और बाद में सबसे लंबे समय तक सेवारत रहे व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ, जनरल जॉन केली ने कई सनसनीखेज जानकारियां दीं। केली ने बताया कि ट्रंप ने टिप्पणी की थी कि “हिटलर ने भी कुछ अच्छे काम किए थे” और ट्रंप अमेरिकी सेना में “एडॉल्फ हिटलर जैसे जनरलों को चाहते थे।”यूएस चुनाव में तनाव चरम पर है। बयानबाजी तेज हो चुकी है। चुनाव सर्वे से पता चल रहा है कि कमला हैरिस और ट्रंप दौड़ में बहुत करीब चल रहे हैं। लोगों में डर यह है कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप 2020 की तरह फिर से हार मानने से इनकार न कर दें। अपने राजनीतिक विरोधियों को धमकी देने वाली अपनी कठोर बयानबाजी से ट्रंप पीछे नहीं हट रहे हैं।। कमला हैरिस ने सोमवार को पत्रकारों से कहा- “कल रात, मैडिसन स्क्वायर गार्डन में डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यक्रम ने वास्तव में उस बिंदु को उजागर किया जो मैं इस पूरे अभियान के दौरान उठाती रही हूं। ट्रंप का ध्यान खुद पर और हमारे देश को विभाजित करने पर केंद्रित है। यह सब किसी भी तरह से ऐसा कुछ नहीं है जो अमेरिकी परिवार, अमेरिकी लोगों को मजबूत करेगा।”चुनाव के आखिरी दौर में हैरिस और ट्रंप दोनों के लिए चुनौती मुख्य समर्थकों को सक्रिय करना और मतदाताओं को अपनी ओर खींचना है। क्योंकि सात स्विंग राज्यों में कड़ी टक्कर है। एक एक वोट का महत्व है। कमला हैरिस ने सोमवार को मिशिगन में तीन कार्यक्रम आयोजित किए, जबकि ट्रंप ने जॉर्जिया में दो कार्यक्रमों की मेजबानी की। अब चुनाव तक दोनों का जोर सात स्विंग राज्यों पर ही होगा।मंगलवार को वाशिंगटन में, कमला हैरिस व्हाइट हाउस के पास उसी स्थान से भाषण देने वाली हैं, जिसे उनके अभियान का “समापन भाषण” माना जाएगा। जहां ट्रंप को ऐसे नेता के रूप में पेश किया जा सकता है जो अराजकता पसंद करता है। बता दें कि यह वही जगह है, जहां तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने 6 जनवरी, 2021 को अपने समर्थकों को यूएस कैपिटल पर हिंसक हमला करने के लिए उकसाया था। इतिहास में वो घटना ट्रंप को अराजकतावाद को बढ़ावा देने वाले शख्स के रूप में दर्ज हो चुकी है।