अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चिंता में नजर आ रही है। हालांकि, अब तक सरकार या मुखिया मोहम्मद यूनुस की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। माना जा रहा है कि पुराने बयानों के चलते यूनुस को ट्रंप सरकार के हाथों चुनौतियों का सामना करना पड़ा सकता है। इधर, खबरें ये भी हैं कि शेख हसीना पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करने के इरादे से बांग्लादेश में हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है।
ट्रंप के आने से चिंता में क्यों मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016 में जब ट्रंप ने हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ जीत हासिल की थी, तब यूनुस ने पेरिस में एक कार्यक्रम के दौरान चुनाव पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, ‘ट्रंप की जीत से हमें इतना गहरा धक्का लगा है कि आज सुबह मैं बात भी ठीक से नहीं कर पा रहा था। सारी ताकत खो दी। क्या मुझे यहां आना चाहिए। बिल्कुल आना चाहिए। हमें इस गिरावट को अवसाद में नहीं बदलने देना चाहिए। हम इन काले बादलों को दूर कर देंगे।’
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप को लेकर यूनुस की तरफ से की गईं पुरानी टिप्पणियां और ट्रंप की तरफ से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को लेकर कही गई बात, बांग्लादेश और अमेरिका के बीच कुछ चुनौतियां पेश कर सकती है।
ट्रंप ने कहा था, ‘मैं बांग्लादेश में हिन्दुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यों के खिलाफ की जा रही हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं, जिनपर भीड़ हमला कर रही है और लूटा जा रहा है। बांग्लादेश में अराजकता फैली हुई है।’ उन्होंने कहा था, ‘मेरे होते हुए ऐसा कभी नहीं होता। कमला और जो ने अमेरिका और दुनियाभर में हिन्दुओं को नजरअंदाज किया है।’
हिन्दुओं पर हो रहे लगातार हमले
सीएनएन-न्यूज18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हसीना पर हमले के इरादे से बांग्लादेश में हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय दबाव और ट्रंप की जीत के बाद से यूनुस की अंतरिम सरकार अलर्ट मोड पर है और किसी भी हाल में हसीना की वापसी रोकने की कोशिश कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि हसीना की तरफ से ट्रंप को भेजे गए बधाई संदेश के बाद आवामी लीग ढाका में सक्रिय हो गई। कहा जा रहा है कि पार्टी उनकी तत्काल वापसी की वकालत भी कर रही है। सूत्रों ने चैनल को बताया है कि हसीना के जाने के बाद अंतरिम सरकार ने हिन्दुओं के खिलाफ मामले दर्ज करने शुरू कर दिए हैं। साथ ही ISKCON समेत कई समूहों पर प्रतिबंध की भी कोशिशें की जा रही हैं।