महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना मामले और लॉकडाउन की आशंका के चलते एक बार फिर से मजदूरों का पलायन होने लगा है। लोगों को एक बार फिर पिछली बार की तरह कमाने-खाने की चिंता हो रही है। यही कारण है कि अपने गांव जाने के लिए लोग रेलवे स्टेशनों के बाहर डेरा डालने लगे हैं। वहीं कई मजदूर बसों के जरिए भी अपने राज्यों के लिए निकल पड़े हैं। इस बीच यह चिंता भी गहराती जा रही है कि कहीं पिछले साल की तरह इस बार भी प्रवासी मजदूरों के पलायन से जुड़ी बदहाली की स्थिति फिर न निर्मित हो जाए…
दरअसल, महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच वहां रह रहे प्रवासी मजदूरों की चिंताएं बढ़ गई हैं। क्योंकि राज्य में दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे संक्रमितों की तादाद के बाद लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही महाराष्ट्र सरकार लॉकडाउन लगा देगी। लॉकडाउन की आशंका के बीच मुंबई से बाहर जाने वाली रेलगाड़ियों में पिछले सप्ताह से भीड़ बहुत अधिक बढ़ गई है। हालांकि रेल प्रशासन ने ट्रेनों में बढ़ती भीड़ की वजह गर्मी के मौसम को बताया है। प्रशासन का कहना है गर्मी के मौसम के दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने गृह स्थानों की यात्रा करते हैं। मगर सूत्रों की माने तो राज्य सरकार द्वारा इस माह की शुरुआत में कोविड-19 को लेकर नई पाबंदियां लगाने के बाद से ही बाहर जाने वाली रेलगाड़ियों में भीड़ बढ़ गई है, मगर इस सप्ताह के अंत तक आते-आते ट्रेनों में भीड़ बहुत ज्यादा देखी गई है। लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर तैनात मध्य रेलवे के एक कर्मचारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मुंबई में स्टेशन पर यात्रियों की तादाद में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से रेलगाड़ियों में काफी भीड़ है।’ वहीं रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाहर और खासकर उत्तर भारत जाने वाली रेलगाड़ियों में ज्यादा भीड़ गर्मी के मौसम वजह है, इस मौसम में लोग शादी-विवाह या अन्य वजहों से अपने घर जाते हैं। मध्य रेलवे के प्रवक्ता शिवाजी सुतार ने कहा कि वे उत्तर भारत के लिए 12 स्पेशल ट्रेन का संचालन कर रहे हैं, इसके अलावा 18 से 20 नियमित स्पेशल ट्रेन दरभंगा, पटना, दानापुर, गोरखपुर, लखनऊ, मंडुआडीह, पुरी, रक्सौल और गुवाहाटी जैसे स्थानों के लिए चलाई जा रही है। यह सभी ट्रेने इस समय फुल चल रही हैं। वहीं आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से मध्यप्रदेश होते हुए उत्तरप्रदेश, बिहार एवं राजस्थान के लिये हजारों की तादाद में मजदूरों का पलायन भी आरंभ हो गया है। लेकिन वे अपने गृह राज्यों तक पहुंचने की लिए भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। दरअसल बस के जरिए इन मजदूरों को महाराष्ट्र से बिहार या उत्तर प्रदेश जाने के लिए मध्यप्रदेश से गुजरना होगा मगर मध्यप्रदेश की सीमा सील होने के कारण इन्हें बॉर्डर पर ही रुकना पड़ा है। कई मजदूरों के पास राशन भी खत्म हो गया है।
महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में लॉकडाउन के मद्देनजर मजदूरों का जत्था बसों से मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र सीमा के बिजासन तक कल पहुंचा, लेकिन बसों को मध्यप्रदेश से गुजरने की अनुमति नहीं होने के चलते उन्हें वहीं रुकना पड़ा। महाराष्ट्र के पुणे में वैल्डिंग का काम करने वाले फरीद ने बताया कि लॉकडाउन के चलते रोजगार नहीं होने पर वे अपने 17 साथियों के साथ उत्तरप्रदेश के बाराबांकी लौट रहे हैं। एक अन्य मजदूर ने बताया कि वे पूना से अपने साथियों के साथ बस से मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा पर आकर सुबह से खड़े हैं, लेकिन उन्हें आगे जाने का साधन नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पास राशन समाप्त हो गया था और मदद नहीं मिलने के चलते वह उत्तरप्रदेश वापस लौट रहे हैं।