देश में कोरोना के फिर से मामले बढ़ने से सरकार की चिंता बढ़ गई है, जहां एक तरफ पूरे देश में कोरोना टीकारण का अभियान तेजी से चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना के केस ने टेंशन खड़ी कर दी है। पिछले 24 घंटों में 13 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च स्तरीय टीमों को उतारा है। वायरस की जांच में कोई भी ढील परेशानी बढ़ा सकती है। कुछ राज्यों में कोरोना का नया स्ट्रेन भी देखने को मिला है।
स्वास्थ्य सचिव ने वायरस के मामलों में वृद्धि पर सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपायों के लिए सलाह भी है। वहीं तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय टीमों को 10 राज्यों (महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर) में भेजा गया है। प्रत्येक टीम का नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।
यह टीम प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे और मामलों के बढ़ने के कारणों की जानकारी लेंगे। वे कोरोना की चेन को तोड़ने के उपायों के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ भी समन्वय करेंगे। राज्यों को संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ उभरती स्थिति की नियमित समीक्षा करने के लिए कहा गया है। राज्यों को कथित तौर पर मुख्य सचिवों के साथ चर्चा के लिए इन टीमों को अलग-अलग समय निर्धारित करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा केंद्र ने महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू और कश्मीर को लिखा है कि यहां रोजाना के मामलों में वृद्धि हुई है और आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के अनुपात में कमी आई है। केंद्र ने इन राज्यों को आरटी-पीसीआर टेस्टिंग बढ़ाने और दोनों तरह के परीक्षणों को सबसे अधिक प्रभावित जिलों में केंद्रित तरीके से करने के लिए कहा है। हाल के दिनों में नए संक्रमण के अचानक बढ़ने के बाद देश के मौजूदा सक्रिय मामलों में महाराष्ट्र और केरल अकेले 75% हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र में सबसे अधिक 5,210 नए मामले दर्ज किए गए, इसके बाद केरल (2,212) और तमिलनाडु (449) हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र में 18, पंजाब 15 और केरल में 16 लोगों की मौत हुई है।