टिकैत का रोना बना टर्निंग प्वाइंट, गांव में रखा लोगों ने उपवास, पुलिस पीछे हटी, जाने पूरी रात क्या हुआ

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद किसानों और सरकार के बीच तनातनी और बढ़ गई है। वहीं प्रशासन आंदोलन को खत्म कराने की कवायद में जुटा है। इसी क्रम में गाजियाबाद में प्रदर्शन स्थल पर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी और उसके बाद गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को स्थल छोड़ने की वॉर्निंग दी गई थी, लेकिन रात होते होते दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अपने कदम पीछे खींच लिए। माना जा रहा है कि राकेश टिकैत के आंसुओं की वजह से केंद्र और यूपी सरकार बैकफुट पर आ गई हैं। टिकैत के अनशन के ऐलान के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हजारों घरों में भी लोगों ने शाम का खाना नहीं खाया और उनके समर्थन में किसान जुटने लगे। माना जा रहा है कि इसने आंदोलन को नई ऊर्जा दे दी है।दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर देर रात चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस खाली हाथ लौट गई। यहां पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स भी तैनात की गई थी। रात 1 बजे पुलिस फोर्स यहां से चली गई। किसान अब अपना आंदोलन और तेज कर रहे हैं। रात को ही पड़ोसी राज्यों से किसानों के जत्थे दिल्ली की ओर रवाना होना शुरू हो गए। भिवाणी, मेरठ, बागपत से रात को ही किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए। राकेश टिकैत नए सिरे से आंदोलन में जोर लगा रहे हैं। दरअसल 26 जनवरी की हिंसा के कारण किसान संगठन बैकफुट पर आ गए थे और बाजी सरकार के हाथों में चली गई थी। लिहाजा जगह-जगह से प्रदर्शनकारियों को हटाने का काम शुरू हो गया। इसी सिलसिले में गाजीपुर बॉर्डर पर प्रशासन ने बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया। प्रशासन की ओर से कार्रवाई के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैट ने गुरुवार दोपहर घोषणा की कि हम अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे। इसके बाद गाजियाबाद प्रशासन की ओर से धरना स्थल खाली करने आदेश दिया गया। एक तरफ दिल्ली पुलिस के जवान थे और दूसरी ओर उत्तरप्रदेश पुलिस और एनएच-24 को बंद कर दिया गया। इसके थोड़ी देर में किसान नेता राकेश टिकैत ने मंच से किसानों को संबोधित किया और इस दौरान वो रो पड़े। इस दौरान राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए आंदोलन समाप्त करने से मना कर दिया। टिकैत ने स्पष्ट कर दिया कि यदि तीनों किसान कानून वापस नहीं होंगे तो वो खुदकुशी कर लेंगे। टिकैत के भावुक होकर रोने के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर देर रात माहौल बदला दिखाई दिया। गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के रोने का असर ये हुआ कि उनके गांव में बवाल बढ़ गया। मुजफ्फरनगर में नरेश टिकैत ने रात में इमरजेंसी पंचायत बुला ली। इस पंचायत में हजारों किसान पहुंचे। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को हटाने के लिए लगाई गई पुलिस फोर्स को वापस बुला लिया गया। किसानों के जुटते ही शाम के समय हटा लंगर भी यहां प्रदर्शनकारी किसानों ने फिर से शुरू कर दिया। इन लोगों का कहना है कि वो कृषि कानून को वापस लेने की उनकी मांग के पूरा होने तक यहां से नहीं हटेंगे। मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, खुर्जा से किसान आ रहे हैं। अब माना जा रहा है कि आज पूरे दिन के माहौल को देखा जाएगा, उसके बाद ही यूपी सरकार कोई कदम आगे बढ़ाएगी।

One thought on “टिकैत का रोना बना टर्निंग प्वाइंट, गांव में रखा लोगों ने उपवास, पुलिस पीछे हटी, जाने पूरी रात क्या हुआ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *