पश्चिम बंगाल में शानदार जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर बुधवार को राजभवन में शपथ ली। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। कोविड-19 महामारी के चलते शपथ ग्रहण समारोह बेहद सादगी भरा हुआ। बनर्जी ने केवल अपने दम पर राज्य में हुए 292 क्षेत्रों में हुए चुनाव में से 213 सीटों पर शानदार जीत दिलवायी। यह उनका लगातार तीसरा कार्यकाल है। तृणमूल की तेजतर्रार नेता सुश्री बनर्जी ने जख्मी पांव होने के बावजूद पार्टी को अब तक की सबसे बड़ी जीत दिलायी। इस दौरान उन्हें हालांकि पूर्वी मिदनापुर जिले में स्थित नये विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम में अपने पुराने सहयोगी एवं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शिवेंदु अधिकारी के हाथों 2000 से कम मतों से हार का सामना भी करना पड़ा।
इस हार के बावजूद भारतीय संविधान सुश्री बनर्जी को अगले कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बनने का अधिकार भी देता है। लेकिन इसके लिए उन्हें छह महीनों के भीतर विधानसभा (या विधान परिषद) के किसी भी सीट से निर्वाचित होना होगा। यह पहली बार नहीं है, जब सुश्री बनर्जी बगैर विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ लीं। वर्ष 2011 में भी तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार को अपदस्थ करने के बाद भी उन्होंने बिना विधानसभा का चुनाव लड़े मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बाद में वह भवानीपुर सीट से चुनाव लड़कर जीतीं थी।