हरियाणा बुढ़ापा पेंशन घोटाले की अब सीबीआई करेंगी जांच
60 से कम उम्र के लोग ले रहे थे लाभ
रणघोष अपडेट. हरियाणा से
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर प्रदेश में 13 साल पहले हुए पेंशन घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी। इस पेंशन घोटाले का खुलासा 2011 में कैग की रिपोर्ट में हो चुका है। रिपोर्ट में कहा गया था कि यह करोड़ों रुपए का घोटाला है।
इस घोटाले में कई ऐसे जनप्रतिनिधि भी शामिल थे जो 60 से काफी कम उम्र होने के बाद भी वृद्धावस्था पेंशन ले रहे थे। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सीबीआई को जांच के लिए दो महीने का समय दिया है।
पूर्व सीएम हुड्डा की बढ़ेंगी मुश्किलें
हरियाणा में यह घोटाला 2011 के दौरान हुआ है। उस समय कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार थी। यदि इस मामले में सीबीआई जांच के दौरान घोटाले की बात सामने आती है तो पूर्व सीएम की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
इस मामले की जांच के लिए कुरूक्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए याचिका लगाई है। याचिकाकर्ता के एडवोकेट प्रदीप कुमार ने बताया कि इस मामले में दो प्रकार के लोगों को गलत तरीके से बेनिफिट दिया गया। एक वे लोग थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उसके बावजूद भी उनके नाम से बुढ़ापा पेंशन जाती रही। दूसरा जो अंडर ऐज होने के बावजूद भी यह पेंशन का लाभ ले रहे थे।
50 उम्र तक के लोग ले रहे थे लाभ
हरियाणा में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि इस पेंशन का लाभ सूबे में 40 और 50 साल के उम्र के लोग भी ले रहे थे। इसके अलावा वह लोग भी पेंशन का लाभ ले रहे थे जो इसके हकदार ही नहीं थे। सरकार ऐसे लोगों को पहले से ही दूसरे मद में पेंशन दे रही थी। यह भी बताया जा रहा है कि इस मद में कई पूर्व सरपंच और पंच भी शामिल हैं। इस मामले में कुरूक्षेत्र के एक व्यक्ति ने ईडी–सीबीआई और हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी। मामले में कैग की रिपोर्ट भी सामने आई थी, कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यह बहुत बड़ा घोटाला है। बावजूद, मौजूदा सरकार ने इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया। एडवोकेट ने कहा कि मामले में कोई कार्रवाई न होने के चलते 2017 में हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर की गई थी।