उमा भारती मध्य प्रदेश की राजनीति से लंबे समय से दूर है लेकिन अचानक से शराबबंदी अभियान छेड़ने के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे है। कई सालों बाद उमा भारती राज्य में अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए शराबबंदी का व्यापाक अभियान शुरू करने जा रही है। उनकी इस घोषणा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की परेशानी जरूर बढ़ा दी है।
उमा का अपनी ही सरकार के खिलाफ अभियान शुरू करने की घोषणा से स्पष्ट है कि वे इसके माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को निशाना बनाने जा रही है। केवल इतना ही नहीं यदि यह अभियान शुरू हो गया तो यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि इसके पीछे पार्टी संगठन की भी मौन सहमति है। अन्यथा पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर वे कोई काम नहीं कर पायेंगी।
उमा भारती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वे प्रदेश में 8 मार्च से शराबबंदी और नशामुक्ति के खिलाफ अभियान शुरू करेगी। नशा मुक्ति अभियान के लिए मुझे मेरी सहयोगी मिल गयी है, ”खुशबु” नाम की यह युवती मध्यप्रदेश की ही रहने वाली है, जो मुझे उत्तराखंड़ में मिली थी, वह मेरे गंगा प्रवास में शामिल होने आयी थी. मैंने उसमें निष्ठा एवं साहस दोनों देखे हैं, इसीलिए उसी समय उसका नाम “गंगा भारती” हो गया था. मैंने गंगा को 8 मार्च 2021 को महिला दिवस पर शराब एवं नशमुक्ति अभियान प्रारम्भ करने की तैयारी करने के लिये कहा है। आगे का विवरण वह स्वयं आप सबको 5 दिन बाद बताएगी।
उमा भारती का यह अभियान अपनी ही सरकार के खिलाफ जा रहा है। शिवराज सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए आॅनलाइन शराब की बिक्री शुरू करने की तैयारी कर रही है। नई आबकारी नीति में इस तरह का प्रावधान किया गया है, जिसे जल्द ही मुख्यमंत्री अपनी सहमति देने वाले थे। उमा के इस अभियान की घोषणा के चलते उस नीति में बदलाव की पूरी संभावना है। आगे होने वाले नगरीय निकायों को देखते हुए राज्य सरकार शायद ही उमा भारती के इस अभियान के बीच आॅनलाइन शराब की बिक्री शुरू कर पाये।