गांव माजरा के ग्रामीणओं ने कहा कि एम्स निर्माण के लिए अब सरकार को गंभीरता लेनी चाहिए। ग्रामीणों ने स्वष्ट तौर पर कहा कि एम्स संघर्ष समिति में शामिल कुछ लोग इसको राजनीतिक रंग देने में लगे हैं, जो सर्वथा गलत है। माजरा में एम्स का निर्माण की पैरवी केंद्रीयम मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और प्रदेश के सहकारिता मंत्री डा. बनवारीलाल ही कर सकते हैं। इस क्षेत्र में एम्स जैसी बड़ी परियोजना को जन्म देने वाले भी यही दोनों है। ग्रामीण अभय सिंह, रोहताश, दयाराम, प्रकाश, सुखबीर, परीक्षित, ओमप्रकाश, अमीलाल व लालाराम आदि ने कहा कि जब माजरा के ग्रामीणों ने एण्स निर्माण के लिए अपनी जमीन को पोर्टल पर चढ़ा दी है तथा केंद्रीय टीम रेवाड़ी जिला के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एम्स के लिए दी गई जमीन का निरीक्षण भी कर चुके हैं तो सरकार की तरफ से देरी क्यों हो रही है। ग्रामीणों ने कहा कि इस क्षेत्र में एम्स का निर्माण होने से यहां के लोगों को ही नहीं बल्कि अलवर, झुंझनु, सीकर, भिवानी, फरीदाबाद, झज्जर, रोहतक सहित दूर-दूर तक के लोगों को चिकित्सा सुविधा का सीधा लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं एम्स जैसी बड़ी परियोजना का यहां स्थापित होने का मतलब यहां के बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार के लिए संजीवनी बूटी का काम होगा। उधर, माजरा निवासी जीतू चेयरमैन, समाजसेवी यशु प्रधान, राजेश ठेकेदार व राजबीर ठेकेदार ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की बावल रैली में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रझीत सिंह व सहकारिता मंत्री डा. बनवारीलाल की अनुशंसा पर ही मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र की भलाई के लिए यहां एम्स स्थापित करने की घोषणा की थी। उन्हें पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल, केंद्रीयम मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व सहकारिता मंत्री डॉ.. बनवारीलाल इस क्षेत्र की भावनाओं की कद्र करते करते हुए गांव माजरा में एम्स परियोजनाओं की स्थापना अति शीघ्र कराएंगे।