राष्ट्रवाद की आड़ में अडानी ग्रुप तथ्य न झुठलाएः हिंडनबर्ग

रणघोष अपडेट. देशभर से

अडानी समूह की सफाई पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को कहा कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद या एक सधी हुई प्रतिक्रिया से झुठलाया नहीं किया जा सकता है। अडानी समूह ने मूल रूप से उठाए गए हर प्रमुख आरोप को नजरअंदाज कर दिया है। अडानी ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का जवाब 413 पेज की रिपोर्ट जारी करके दिया है।हिंडनबर्ग ने कहा, अडानी के ‘413 पेज’ के जवाब में हमारी रिपोर्ट से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित कुल 30 पेज ही थे।…हमने नोट किया है कि हमारी रिपोर्ट के मुख्य आरोपों में फर्जी कंपनियों के साथ कई संदिग्ध लेन-देन पर केंद्रित थी – उन सवालों के जवाब पूरी तरह से अनसुलझे रह गए हैं। हिंडनबर्ग ने अपने यू.एस.-ट्रेडेड बॉन्ड और गैर-भारतीय-ट्रेडेड डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से अडानी ग्रुप को घेरा था। अडानी ने अपनी सफाई में कहा है कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में 88 सवालों के जवाब मांगे थे, लेकिन उनमें से 65 मामलों का संबंध अडानी की पोर्टफोलियो कंपनियों से है। उन कंपनियों ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में हर तथ्य का खुलासा किया है। यूएस के इस व्हिसल-ब्लोअर हिंडनबर्ग ने कहा-अडानी समूह हमारे 88 सवालों में से 62 का विशेष रूप से जवाब देने में विफल रहा। जिन सवालों का उसने जवाब दिया, उनमें से अडानी समूह ने आरोपों की बड़े पैमाने पर पुष्टि की या हमारे निष्कर्षों को दरकिनार करने का प्रयास किया।अडानी की सफाई में 350 से ज्यादा पेजों में कॉन्ट्रैक्ट दस्तावेज, वार्षिक रिपोर्ट, सार्वजनिक खुलासे और पहले के अदालती फैसलों के अंश शामिल थे। हिंडनबर्ग ने कहा- अडानी हमारे 88 सवालों में से 62 का विशेष रूप से जवाब देने में विफल रहे।अडानी के लिए आज सोमवार 30 जनवरी का दिन खास है। अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी की $2.5 बिलियन शेयर बिक्री के साथ एक महत्वपूर्ण दिन का सामना करना पड़ेगा। भारतीय अरबपति के शेयरों में $48 बिलियन की गिरावट आई है, जो यू.एस. शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट से शुरू हुई थी।

स्कूल ड्रॉपआउट अडानी के लिए स्टॉक मार्केट मंदी एक नाटकीय झटका के अलावा कुछ नहीं है। अडानी पिछले सप्ताह फोर्ब्स की सूची में सातवें स्थान पर फिसलने से पहले, हाल के वर्षों में दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी में शुमार किए गए थे। हाल के अपने दो इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मोदी जी जब गुजरात के सीएम थे तो उस समय कारोबार खूब फला-फूला। सभी उद्योगों को लाभ मिला, जिसमें अडानी समूह भी था। उन्होंने मोदी से अपने रिश्तों के सवाल पर यह बात कही थी। यानी उनका कहना था कि पीएम मोदी ने उनको कोई अलग से लाभ नहीं पहुंचाया।

One thought on “राष्ट्रवाद की आड़ में अडानी ग्रुप तथ्य न झुठलाएः हिंडनबर्ग

  1. I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.

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