रणघोष अपडेट. देशभर से
एमसीडी दिल्ली मेयर चुनाव आज सोमवार को तीसरी बार नहीं हो सका। मेयर और अन्य पदाधिकारियों को चुनने की पिछली दो कोशिशें भी नाकाम रही थीं। एमसीडी सदन की बैठक सोमवार को फिर से हुई लेकिन नतीजा शून्य है।उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा नामित 10 दिल्ली पार्षदों को मतदान की अनुमति देने पर हंगामा हुआ। इस पर दोनों ओर से नारेबाजी हुई। दरअसल, एलजी के नामित पार्षदों को एमसीडी में वोट देने की अनुमति कभी नहीं रही। लेकिन एलजी ने उस फैसले को पलटते हुए दस पार्षदों को नामित किया और उन्हें वोटिंग की भी अनुमति दी। एलजी ने एमसीडी बैठक की कार्यवाही संचालन के लिए बीजेपी के पार्षद सत्य शर्मा को पीठासीन अधिकारी चुना, हालांकि एमसीडी सदन में आप का बहुमत है। बीजेपी हर हालत में दिल्ली में अपना मेयर चाहती है।नगर निगम चुनाव हुए दो महीने बीत चुके हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) ने 250 में से 134 सीटें जीतकर बीजेपी के 15 साल के शासन का अंत कर दिया, लेकिन दिल्ली को अभी तक मेयर नहीं मिला है।एमसीडी अधिनियम, 1957 के अनुसार, महापौर और उप महापौर का चुनाव निकाय चुनावों के बाद होने वाले पहले सदन में होता है।
इस बार भी पेंच फंसा
आम आदमी पार्टी पार्षदों ने रविवार को एमसीडी के पीठासीन अधिकारी शर्मा को एक पत्र भेजकर एल्डरमैन को सोमवार को होने वाले चुनावों में भाग लेने से अयोग्य ठहराने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें चुनाव में भाग लेने की अनुमति देना दिल्ली के नागरिकों के लिए अपमानजनक होगा। आप के सभी 135 पार्षदों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि जिन व्यक्तियों को नामित किया गया है वे संविधान और दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार मतदान करने के योग्य नहीं हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी ने मेयर के चुनाव को प्रभावित करने और हेरफेर करने की कोशिश की। हालांकि एमसीडी के पीठासीन अधिकारी और बीजेपी पार्षद सत्य शर्मा ने आप पार्षदों का कोई पत्र मिलने से इनकार किया।
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