रणघोष खास. गगन सबरवाल
ऋषि सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ ब्रितानी वित्त मंत्री ऋषि सुनक पिछले कुछ समय से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। एक दौर में उन्हें ब्रिटेन का सबसे लोकप्रिय राजनेता माना जा रहा था, यहां तक कि उनकी लोकप्रियता ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से भी बढ़ गई थी। ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर और बाहर, कई लोग यह अनुमान लगाने लगे थे कि आने वाले दिनों में वे भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं लेकिन 41 साल के ऋषि सुनक को अंदाज़ा हो गया होगा कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता है। फरवरी, 2020 में वे ब्रिटेश के सबसे युवा वित्त मंत्री बने थे, उसके बाद उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही थी. रातों रात सोशल मीडिया पर उनके फॉलोअरों की संख्या भी बढ़ गई थी। उनके आकर्षक व्यक्तित्व को देखकर लोगों ने उनका निक नेम ही ‘डिशी ऋषि’ रख दिया था.
कोरोना संकट के दौर में उनकी नीतियों ने ब्रिटेन में लोगों की मजदूरी घटने नहीं दी, इसके चलते भी उनकी लोकप्रियता बढ़ी थी। आईएमएफ़ और वर्ल्ड बैंकः संकट में याद आने वाली संस्थाओं पर किसका वर्चस्व?
भारतीय मूल के ऋषि सुनक
ऋषि सुनक के भारतीय मूल के माता-पिता, ईस्ट अफ़्रीका से 1960 के दशक में ब्रिटेन आए थे. उनके दादा-दादी का जन्म पंजाब में हुआ था। 1980 में ब्रिटेन के साउथम्पैटन में ऋषि का जन्म हुआ था. उनके पिता एक डॉक्टर थे जबकि उनकी मां स्थानीय स्तर पर दवाखाना चलाती थीं। सुनक ने एक इंटरव्यू में कहा है कि समुदाय की सेवा करने को लेकर अपने पिता की प्रतिबद्धता का वे सम्मान करते रहे जबकि दवाखाना में मां की मदद करते हुए उन्होंने कारोबार के शुरुआती गुर सीखे। तीन भाई बहनों में ऋषि सबसे बड़े हैं.
2005 में, कैलिफ़ोर्निया के स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए करने के दौरान उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से हुई, जो बाद में उनकी पत्नी बनीं। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया. बाद में वे हेज़ फंड फर्म्स, द चिल्ड्रेन इंवेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट और थेलेमे पार्टनर्स में पार्टनर भी रहे.
ऋषि ने एक इंटरव्यू में कहा है कि वे अपने माता-पिता की तरह आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करना चाहते थे, इसलिए वे राजनीति में आए.। साल 2015 में ब्रिटिश चुनाव में वे यार्कशर के रिचमंड से कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बने. ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे मंत्रिमंडल में उन्होंने जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया है.
ऋषि सुनक की अक्षता मूर्ति से मुलाकात
अक्षता मूर्ति, इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की बेटी हैं. इनका जन्म कर्नाटक में अप्रैल, 1980 में हुआ था। नारायण और सुधा मूर्ति, पहले बेटी अक्षता और बेटे रोहन को अपने साथ कामकाजी शहर मुंबई में रखना चाहते थे, लेकिन जल्दी ही दोनों को उनके दादा-दादी के पास कर्नाटक में रहने के लिए भेज दिया गया। अक्षता के जन्म के एक साल बाद, 1981 में नारायण मूर्ति ने आईटी कंपनी इंफोसिस की स्थापना की थी, जिसके बाद वे भारत के सबसे अमीर लोगों की कतार में आए.
फोर्ब्स के मुताबिक नारायण मूर्ति की नेटवर्थ करीब 345 अरब रुपये है। अक्षता की मां सुधा मूर्ति भी कंप्यूटर वैज्ञानिक रही हैं. वो भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता समूह टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को) में काम करने वाली पहली महिला हैं। बाद में उन्होंने इंफोसिस में भी काम किया और इन दिनों समाज सेवा से जुड़ी हैं। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अक्षता अर्थशास्त्र और फ्रेंच की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गईं। कुछ समय तक डेलाइट और यूनिलीवर जैसी कंपनियों में काम करने के बाद अक्षता स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए करने पहुंचीं, जहां उनकी मुलाकात ऋषि सुनक से हुई.
इस मुलाकात के चार साल बाद दोनों ने बेंगलुरु में हाई प्रोफाइल इवेंट में शादी की. अक्षता और ऋषि की दो बेटियां हैं.