कितलाना टोल पर निकाली तीन विधायकों की शव यात्रा, फूलों की जगह लटकाई जूतों की माला, किसानों ने दी मुखाग्नि
सोमबीर सांगवान ने कहा अंतरात्मा से डाला वोट, पूर्व विधायक कर्नल रघुबीर छिल्लर भी उतरे किसानों के समर्थन में
हरियाणा सरकार बेशक विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव से पार पाकर खुशी मना रही होगी लेकिन इससे किसानों का गुस्सा पूरे उबाल पर है। किसानों ने आज विरोधस्वरूप सरकार के पक्ष में मतदान करने वाली बाढड़ा से जजपा विधायक नैना चौटाला, भिवानी से भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ और बवानीखेड़ा से भाजपा विधायक बिशम्बर बाल्मीकि की कितलाना टोल पर जोरदार नारेबाजी के बीच शवयात्रा निकाल सामुहिक अंतिम संस्कार किया। विशेष बात ये रही कि आंदोलनकारी किसानों ने तीनों विधायकों की अर्थी बांधने से लेकर, पानी की मटकी और उपले को जलाते हुए ले जाकर पूरे हिन्दू रीतिरिवाज से सारी रस्में निभाई। किसानों ने मुखाग्नि देने से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के खिलाफ भी काफी देर तक नारे लगाए।
इससे पूर्व वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव से वे सभी विधायक जिन्होंने सदन में सरकार का साथ दिया है वो जनता की नजरों में गिर गए हैं। उन्होंने कहा कि 55 विधायको ने मतदाताओं से विश्वासघात किया है। वो भूल गए कि जिस कुर्सी पर वे बैठे हैं वह जनता की देन है। उन्होंने कहा कि अगर इन विधायकों में जरा सी भी गैरत होती तो किसान, मजदूरों का साथ देते और इस अहंकारी सरकार को चलता करते। उन्होंने कहा कि सरकार की नहीं हुई तो क्या हुआ सरकारी विधायकों की उल्टी गिनती जरूर शुरू हो गई है।
दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि वो किसान के बेटे हैं और उन्होंने सदन में अपनी अंतरात्मा से किसानों का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि ये वक्त देश के अन्नदाताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ने का है और मुझे पूरा यकीन है कि इसमें किसान जरूर जीतेंगे।
बाढड़ा से पूर्व विधायक कर्नल रघुबीर छिल्लर आंदोलन के समर्थन में टोल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि वो शुरुआत से ही किसानों के साथ हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वो जजपा के प्रारंभिक सदस्य तक नहीं हैं।
कितलाना टोल पर धरने के 77वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, सर्वजातीय श्योराण खाप 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, शमशेर फौगाट, गंगाराम श्योराण, राकेश आर्य, रणधीर कुंगड़, सुखदेव पालवास, बीरमति, डॉ राजू, सज्जन गोयत ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि अब लड़ाई आर पार की है। तीनों काले कानून रद्द होने पर ही किसान घर लौटेंगे। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। आज भी टोल फ्री रहा।
इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, होशियार सिंह, राजू मान, कमल प्रधान, अजीत सिंह सांगवान, सत्यवान बलियाली, करतार गिल, मीरसिंह नीमड़ीवाली, अनूप डांगी, दयानंद झरवाई, धर्मपाल शर्मा, शुभराम डीपीई, रामफल देशवाल, बलबीर बजाड़, दिलबाग ग्रेवाल, दिलबाग ढुल, सब्बीर हुसैन, राजकुमार हड़ौदी, जगदीश हुई, प्रेम सिंह, शमशेर सांगवान, वेदप्रकाश जेवली, धर्मबीर नम्बरदार, राजेश झोझू, विद्यानन्द कमोद, सत्यवान कालुवाला, सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।