अहीरवाल इलाके की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर

नप रेवाड़ी उपप्रधान को लेकर घमासान, राव इंद्रजीत के खिलाफ खड़ा हो गया एक बड़ा धड़ा


    आज उपप्रधान घोषित होने की बजाय मिल सकती है तारीख, राजनीति का असल चुनाव तो इस धड़ेबाजी में नजर आया


छोटे से लेकर बड़े स्तर की राजनीति की असल तस्वीर को समझना और जानना है तो रेवाड़ी नगर परिषद में उप प्रधान पद को लेकर जो कुछ भी घट रहा है। उसे सलीके और समझदारी से समझ लिजिए। अहीरवाल राजनीति का गणित जान जाएंगे। नगर परिषद रेवाड़ी में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का एक छत्र राज कायम नहीं हो जाए। इसके लिए जनता को मैसेज देने के लिए भाजपा का एक धड़ा खड़ा हो गया है जिसे कांग्रेस के पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव एवं चुनाव में भाजपा के खिलाफ चेयरपर्सन का चुनाव लड़ने वाली उपमा यादव के पति पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव का पूरा समर्थन मिल रहा है। इन सभी का एक ही एजेंडा है राव के आशीर्वाद से नप में उपप्रधान नहीं बनना चाहिए। इसलिए जो नगर पार्षद राव इंद्रजीत सिंह के जन्मदिन पर लाइन में खड़े हुए थे उसमें आधे से ज्यादा हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव के आदिती पैलेस पर दोपहर में लंच करते नजर आए। जिसे एकजुट करने में भाजपा नेता सतीश खोला, पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव एवं पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव की मौन स्वीकृति रही। हालांकि कांग्रेस ने पार्षद का चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ा था लेकिन सावर्जनिक तोर पर कुछ प्रत्याशियों को अपना समर्थन दे दिया था। नप उपप्रधान को लेकर अचानक आए इस घटनाक्रम में हरकों बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव एक बार फिर राव विरोधी धुरी के तोर पर उभरकर सामने आए हैं। रविवार को दिन भर पार्षद कभी दो नावों में तो कभी मौका लगते ही नाव बदलकर किनारे पर पहुंचने की जुगत लगाते रहे। सूत्रों की माने तो केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने उपप्रधान पद के लिए पंजाबी समाज से श्याम चुग के नाम की स्वीकृति दे दी थी। पता चलते ही इस पद का सपना लिए बैठे पार्षदों में बैचेनी हो गईं। उधर भाजपा की टिकट पर चेयरपर्सन बनी पूनम यादव को जिताने में दिन रात एक करने वाले राव विरोधी भाजपा के एक बड़े धड़े  को लगा कि राव इंद्रजीत सिंह के कहने पर ही अगर उपप्रधान मनोनीत हो गया तो उनकी राजनीति अपना रास्ता ही बदल लेगी। लिहाजा बिना देर किए 24 घंटे में 20-21 पार्षद गढ़ी बोलनी रोड पर आदिती मैरिज प्लेस पर एक साथ लंच करते नजर  आए। इसमें आधे वे भी थे जो राव के जन्मदिन पर केक- बुक्के लेकर कतार में खड़े थे। शाम ढलते ही राव खेमा भी पूरी तरह से सक्रिय हो चुका था। उन्होंने धारूहेड़ा के एक होटल में ज्यादा से ज्यादा पार्षद जुटाने शुरू कर दिए। राव इंद्रजीत सिंह भी आ चुके थे। पार्षदों की संख्या 10-15 के आस पास होने पर गणित बदला नजर आया। इसमें पांच वो पार्षद भी थे जो आदिती प्लैस के लंच में भी शामिल थे। राव को उम्मीद नहीं थी कि उपप्रधान केा लेकर भी इतनी जल्दी सबकुछ बदल जाएगा। ऐसे में 15 फरवरी को नप में उप्रधान का होने वाला चुनाव स्थगित हो सकता है। कुल मिलाकर पिछले 24 घंटों में इस पद को लेकर पार्षदों की जो उठा पटक हुईं उसने साफ कर दिया कि राजनीति मौका देकर अपना मिजाज बदलती है ना की वसूलों पर चलकर। इसलिए नप चुनाव में जो एक दूसरे को हराने में पूरी ताकत लगा रहे थे वहीं अपना पुराना हिसाब चुकता करने के लिए एकजुट भी नजर आए।

 श्याम चुग के नाम से बिगड़ा गणित

पहली बार पार्षद बने श्याम चुग पंजाबी समाज से हैं। कुल चार पार्षद इस समाज से संबंध रखते हैं। आधे से ज्यादा पार्षद उपप्रधान का सपना लिए हुए हैं। जैसे ही इसका पता चला शैलेंद्र सतीजा और दिलीप माटा पाला बदल गए। सुचित्रा चांदना जरूर चुग के साथ थी। इसके बाद सजन पहलवान की पत्नी रेखा देवी का नाम आगे बढ़ा तो भी गणित नहीं बन पाया। उधर आदिती मैरिज प्लेस में 20 से ज्यादा पार्षद तब तक एकजुट है जब तक उपप्रधान के नाम की घोषणा नहीं हो जाए। इसलिए पांच ऐसे पार्षद सामने आ गए जो दोनों नावों में सवारी कर रहे थे। कमाल की बात यह है कि नप कोई विपक्षी पार्टी का खेमा मजबूत नहीं है। जो निर्दलीय पार्षद बने थे उसमें आधे से ज्यादा भाजपा का दामन थाम चुके हैं। यानि पक्ष और विपक्ष खुद ही भाजपा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *