ट्रैक्टर मार्च व किसान के नाम पर असामाजिक व शरारती तत्वों द्वारा दिल्ली में किए गए बवाल की कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस हिंसा से साफ हो गया है कि इस आंदोलन में किसान नहीं बल्कि अराजक तत्वों व खालिस्तानियों का जमावड़ा है, जिनका मुख्य उद्देश्य हिंसा फैलाकर देश को नुकसान पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि लाल किले की प्राचीर पर केवल तिरंगा लहराए जाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है, लेकिन राष्ट्रीय पर्व पर असामाजिक तत्वों द्वारा इस प्रकार की हिंसा तथा अपना झंडा लगाए जाने की जितनी आलोचना की जाए कम है। उन्होंने कहा कि पुलिस बैरिगेट्स को तोडऩा, पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी, लाठी से हमला तथा तलवार लहराते हुए हिंसा को अंजाम देते हुए लालकिले में घुसकर उपद्रव मचाने का कार्य किया। इसके बावजूद सरकार ने पूरा संयम दिखाया तथा हर किसान की बात सुनने को पूरी तरह तैयार है, लेकिन यह आंदोलन किसान आंदोलन न होकर देश के खिलाफ अराजक तत्वों का आंदोलन है, जो सब साफ-साफ दिखाई दे रहा है। देश के इतिहास में यह घटना बहुत ही शर्मशार करने वाली है।
कोसली विधायक ने कहा कि किसानों को ट्रैक्टर मार्च के लिए जिन रास्तों की अनुमति दी गई थी, उसका खुला उल्लंघन करते हुए असामाजिक तत्वों ने गलत रास्तों का रुख किया तथा हिंसा फैलाने का कार्य किया। जो वायदे किसान नेताओं ने किए थे, उन्हें भी पूरा नहीं किया तथा अराजकता का माहौल फैलाने का कार्य किया। जिसके चलते देश व प्रदेश को पता चल गया है कि ये किसान नहीं बल्कि कोई और ही हिंसात्मक तत्व है।