ईरान पर यूएस ने हमला किया तो हम ईरान के साथः रूस

रणघोष अपडेट. देशभर से 

ईरान-इजराइल के तनाव बड़े युद्ध में बदल सकता है। पश्चिम के तमाम देशों ने इजराइल पर ईरान के हमले की निन्दा की है। ये वही देश हैं जिन्होंने इजराइल द्वारा गजा में किए जा रहे जनसंहार के लिए कभी उसकी निन्दा नहीं की। ईरान ने रविवार को कहा कि उसने इजराइली हमले का जवाब दे दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फौरन इजराइल के साथ खड़े होने की घोषणा कर दी। लेकिन रूस ने इसका कड़ा जवाब दिया है।  अमेरिका ने इजराइल का समर्थन करते हुए इस युद्ध में सीधे शामिल होने से इनकार कर दिया है। फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की है कि अगर संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल के समर्थन में ईरान की धरती पर हमला करता है तो रूस ईरान का समर्थन करेगा। पुतिन ने कहा, “विशेषकर फिलिस्तीन और गजा नागरिकों के खिलाफ हमले में इजराइल का समर्थन करने के लिए पश्चिम को गुमराह किया गया।रूस तीसरे विश्व युद्ध की संभावना से बचने के लिए हर संभव कोशिश करेगा।”

ईरान का बयान

ईरानी के विदेश मंत्री ने कहा है- ”ज़ायोनी सत्ता (इजराइल) के सैन्य ठिकानों पर ईरानी हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा गारंटीकृत एक वैध रक्षा में किया गया हमला है। हम किसी भी आक्रमण के सामने देश की संप्रभुता, एकता और राष्ट्रीय हितों की दृढ़ता से रक्षा करने के ईरान के दृढ़ संकल्प की पुष्टि करते हैं। हम किसी भी आक्रामकता की स्थिति में अपने हितों की रक्षा के लिए और रक्षात्मक कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे। आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने में रक्षात्मक उपायों का हमारा सहारा क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति हमारे जिम्मेदार दृष्टिकोण को साबित करता है।” यानी ईरान यह कहना चाहता है कि दमिश्क में उसके दूतावास पर इजराइल ने बम बरसाकर जिन 13 लोगों की हत्या की है, उसके जवाब में ईरान का रविवार का हमला है। अगर इजराइल ने फिर ऐसी हरकत की तो ईरान इससे भी कड़ा जवाब देगा।

भारत का बयान

भारत इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से गंभीर रूप से चिंतित है, जिससे पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा, “हम तत्काल तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान करते हैं। हम उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। क्षेत्र में हमारे दूतावास भारतीय समुदाय के साथ निकट संपर्क में हैं। यह महत्वपूर्ण है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी हुई है।”

कनाडा ने निन्दा की

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा- “कनाडा स्पष्ट रूप से इज़राइल के खिलाफ ईरान के हवाई हमलों की निंदा करता है। हम इजराइल के साथ खड़े हैं। हमास के क्रूर 7 अक्टूबर के हमले का समर्थन करने के बाद, ईरानी शासन की नवीनतम कार्रवाइयां इस क्षेत्र को और अस्थिर कर देंगी और स्थायी शांति को और अधिक कठिन बना देंगी। ये हमले क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए ईरानी शासन की उपेक्षा को एक बार फिर प्रदर्शित करते हैं। हम इन हमलों से अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने के इज़राइल के अधिकार का समर्थन करते हैं। जैसे-जैसे हालात बन रहे हैं, मैं राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और प्रिवी काउंसिल के क्लर्क से नियमित अपडेट प्राप्त कर रहा हूं। हम सहयोगियों के साथ संपर्क में हैं और हम बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे।”

सऊदी अरब का बयान

सऊदी अरब के विदेश मंत्री का कहना है, ”हम क्षेत्र में सैन्य वृद्धि के घटनाक्रम और इसके नतीजों की गंभीरता के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। हम सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने और क्षेत्र और इसके लोगों को युद्ध के खतरों से बचाने का आह्वान करते हैं।”