एलपीजी सिलेंडर के दाम से लेकर डिजिटल पेमेंट के नियम तक, आज के बाद से बदल रहे हैं ये नियम

आज से नए साल की शुरूआत हो गई है। देश में हर महीने की पहली तारीख से कुछ बदलाव या नए नियम लागू होते हैं। ऐसे में नए साल की पहली तारीख यानी 1 जनवरी 2022 कुछ नए नियमों और बदलावों की गवाह बन गई है, जो आपके घर की रसोई से लेकर आपकी जेब तक का बजट बिगाड़ सकती है। आम लोगों से लेकर खास लोगों तक सभी इन बदलावों से प्रभावित होंगे। इन बदलावों की बात करें तो नये साल में एलपीजी की कीमत से लेकर बैंक के एटीएम, डेबिट-क्रेडिट कार्ड के साथ-साथ गूगल और पोस्ट पेमेंट्स बैंक के नियमों में बदलाव शामिल हैं।

एलपीजी सिलेंडर के दाम 

हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमत तय होती है। हाल के कई महीनों में रसोई गैस की कीमतें बढ़ी हैं और सब्सिडी भी कम हुई है। देखना दिलचस्प होगा कि 1 जनवरी 2022 को नये साल के दिन सिलेंडर की कीमतों में इजाफा होता है या नहीं।

एटीएम से कैश निकालना हुआ महंगा

ये नियम यानी बढ़ा हुआ शुल्क मुफ्त मासिक सीमा समाप्त होने के बाद लागू हो जाएगा। इस संबंध में हर बैंक अपने-अपने तरीकों से ग्राहकों को जानकारी दे रहे हैं। एक बैंक के नोटिस में जानकारी देते हुए कहा गया है कि 1 जनवरी 2022 से मुफ्त सीमा से अधिक एटीएम लेनदेन शुल्क दर को 20 रुपये + जीएसटी से बढ़ाकर 21 रुपये + जीएसटी कर दिया जाएगा।

जूते के दामों में इजाफा  

अगले साल 1 जनवरी से कपड़े और जूते महंगे होने वाले हैं। इसकी वजह है कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने विभिन्न प्रकार के जूतों के लिए वस्तु एवं सेवा कर की दर को 12 फीसदी कर दिया है। पहले यह दर 5 फीसदी थी। नई जीएसटी दर 1 जनवरी 2022 से प्रभावी होगी। हालांकि, कपड़ों पर जीएसटी में बढ़ोतरी को अभी टाल दिया गया है।

ऑनलाइन ऑटो बुकिंग होगी महंगी 

ऑनलाइन ऑटो रिक्शा बुक करके सफर करना भी नए साल से महंगा हो जाएगा। दरअसल, जीएसटी प्रणाली में कर दर और प्रक्रिया में बदलावों के तहत ई-कॉमर्स सेवा प्रदाताओं पर परिवहन और रेस्टोरेंट्स क्षेत्र में दी जाने वाली सेवाओं पर कर का भुगतान करना होगा।

एफएमसीजी उत्पाद होंगे महंगे

महंगाई से नए साल की शुरुआत होने जा रही है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ऑटो, स्टील की कीमतें बढ़ जाएंगी। इसके साथ ही फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) प्रोडक्ट और लॉजिस्टिक्स के लिए भी आपको नए साल से ज्यादा दाम चुकाने होंगे।

ऑनलाइन खाने पर पांच फीसदी टैक्स 

प्रक्रियागत बदलावों के तहत स्विगी और जोमेटो जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां भी अपनी सेवाओं पर जीएसटी वसूल करेंगी। कंपनियों को इन सेवाओं के बदले जीएसटी वसूलकर सरकार के पास जमा कराना होगा। इसके लिए उन्हें सेवाओं का बिल जारी करना होगा। इससे उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा, क्योंकि रेस्टोरेंट्स पहले से ही जीएसटी वसूल रहे हैं।

टैक्स कम भरने पर सख्ती

इसके अलावा सीबीआईसी के नोटिफिकेशन के अनुसार, वहीं टैक्स कम भरने या नहीं भरने पर की जाने वाली कार्रवाई में भी बड़े बदलाव हुए हैं। अभी तक ऐसा करने वालों के खिलाफ बैंक अकाउंट या प्रॉपर्टी अटैच की लंबी नोटिस प्रक्रिया थी, जो अब खत्म कर दी गई। इसका मतलब है कि अब बिना नोटिस के ही प्रॉपर्टी अटैच होगी।

ई-वे बिल में अपील का तरीका 

ई-वे बिल के जरिए माल परिवहन में गलती पर, अब टैक्स प्रावधान खत्म कर सीधे पेनल्टी दोगुनी हो जाएगी। अब पेनल्टी के खिलाफ अपील करने पर इसका 25 फीसदी भरने पर ही हाई लेवल पर अपील होगी। पहले यह टैक्स का 10 प्रतिशत निर्धारित था।

डिजिटल पेमेंट के नियम

नए साल से ऑनलाइन पेमेंट करते समय आपको 16 डिजिट वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर समेत कार्ड की पूरी डिटेल्स भरनी होगी, वह भी हर बार पेमेंट करने पर। यानी अब जब भी आप ऑनलाइन शॉपिंग करेंगे या शॉपिंग करने के बाद डिजिटल पेमेंट करेंगे, तो आपको कार्ड की पूरी डिटेल हर बार डालनी होगी।

पोस्ट ऑफिस से पैसे निकालने पर चार्ज

बैंकों की तरह अब इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के खाताधारक को भी पैसे निकालने पर शुल्क देना होगा। यदि आप एक लिमिट से ज्यादा कैश निकालेंगे और डिपॉजिट करेंगे, तो आपको इसके लिए आईपीपीबी को चार्ज देना होगा। यह नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा।

वेबसाइट सेव नहीं करेंगी डिटेल

इस नए बदलाव के तहत मर्चेंट वेबसाइट, गूगल पे या फिर अन्य एप अब आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड की डिटेल को स्टोर या सेव नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा नई व्यवस्था के तहत अगर वेबसाइट या एप पर पहले से ही आपके कार्ड से जुड़ी कोई जानकारी सेव है, तो वह अब खुद ब खुद डिलीट हो जाएगी।

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