ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट (Odisha Train Accident) के बाद बालासोर में 1 हजार से अधिक कर्मी मौके पर मौजूद हैं. इस हादसे के कारण 150 से अधिक ट्रेनों को रद्द, उनके मार्ग में परिवर्तन या शॉर्ट-टर्मिनेशन किया गया. रेलवे के अनुसार बचाव अभियान शनिवार दोपहर को समाप्त कर दिया गया और बहाली का काम शुरू हो गया है. यहां शुक्रावर शाम हुए एक भीषण ट्रेन हादसे में कम से कम 275 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1100 से अधिक यात्री घायल हो गए. यहांं बड़ी तादाद में क्रेन और अन्य मशीने तैनात की गई हैं.
बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, जो लगभग 2,500 यात्रियों को ले जा रही थी, और एक मालगाड़ी के बीच दुर्घटना शुक्रवार को शाम 7 बजे के करीब बालासोर में बहनगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुई, जो कोलकाता से लगभग 250 किमी दक्षिण और भुवनेश्वर के उत्तर में 170 किमी दूर है.
#WATCH | Odisha: Aerial visuals from ANI’s drone camera show the restoration work that is underway at the site where the deadly #BalasoreTrainAccident took place pic.twitter.com/bjMQIXxQO9
— ANI (@ANI) June 4, 2023
21 कोच पटरी से उतरे और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए
समाचार एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें दुर्घटना की भयावहता देखी जा सकती है. इसमें आपदा स्थल ऐसा लग रहा था जैसे एक शक्तिशाली बवंडर ने कोचों को खिलौनों की तरह एक दूसरे के ऊपर फेंक दिया हो. दुर्घटना में इक्कीस कोच पटरी से उतर गए और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे सैकड़ों यात्री फंस गए थे. विशेषज्ञों के अनुसार, दोनों यात्री ट्रेनें तेज गति से चल रही थीं, जो हताहतों की उच्च संख्या के मुख्य कारणों में से एक थी.
#WATCH | Odisha: Aerial visuals from ANI’s drone camera show the restoration work underway at the site of #BalasoreTrainAccident
As per the Railway Ministry, 1000+ manpower engaged in the work. More than 7 Poclain Machines, 2 Accident Relief Trains, 3-4 Railway and Road Cranes… pic.twitter.com/9vg2wCulyd
— ANI (@ANI) June 4, 2023
दुर्घटनास्थल पर 1 हजार से अधिक लोग काम में जुटे
रेल मंत्रालय के अनुसार, 1,000 से अधिक लोग पटरी से क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाने और शवों की तलाश में लगे हुए हैं. दुर्घटनास्थल पर बहाली कार्य करने के लिए सात से अधिक पोकलेन मशीनें, दो दुर्घटना राहत ट्रेनें और तीन से चार रेलवे और रोड क्रेन तैनात किए गए हैं. मलबे को हटाने के लिए बड़ी क्रेनें भी तैनात की गई हैं और क्षतिग्रस्त डिब्बों से शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल करना पड़ा. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को मुख्य लाइन में प्रवेश करने के लिए एक सिग्नल दिया गया था लेकिन फिर इसे हटा दिया गया था और ट्रेन लूप लाइन में प्रवेश कर गई और वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई. इसके बाद बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस जो तेज गति से आ रही थी, कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों में जा घुसी, जो बगल के ट्रैक पर बिखर गए थे.