कांग्रेस विधायक बोले- सचिन पायलट बनें राजस्थान के मुख्यमंत्री

रणघोष अपडेट. देशभर से

राजस्थान कांग्रेस के विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा है कि सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। बैरवा ने यह बयान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाओं को लेकर दिया है। खिलाड़ी लाल बैरवा राज्य में अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी हैं। बैरवा ने कहा कि दलितों, गरीब और अनुसूचित जाति के लोगों की जो भावना है उसी को वह सामने रख रहे हैं। बताना होगा कि राजस्थान में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्य में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सियासी लड़ाई जगजाहिर है। साल 2020 में सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ गुड़गांव के मानेसर में स्थित एक होटल में चले गए थे। तब कांग्रेस आलाकमान को दखल देकर सचिन पायलट को मनाना पड़ा था। एक लंबी कवायद के बाद सचिन पायलट के समर्थकों को कैबिनेट में एडजस्ट किया गया था। लेकिन पायलट के समर्थक लगातार पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करते रहे हैं। 2018 में जब कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में आई थी तब पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। लेकिन कांग्रेस ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी जबकि पायलट उप मुख्यमंत्री बने थे। पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के साथ ही उपमुख्यमंत्री जैसे बड़े पद पर भी थे लेकिन बगावत के बाद उन्हें दोनों पदों से हाथ धोना पड़ा था। गहलोत ने उन्हें खुलेआम नकारा, निकम्मा भी कहा था।खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा है कि अशोक गहलोत तमाम बड़े पदों पर रह चुके हैं और गहलोत को अब नई पीढ़ी को मौका देना चाहिए। बैरवा ने कहा कि आज का युवा और सचिन पायलट की बिरादरी के लोग 100 फ़ीसदी पायलट के साथ खड़े हैं।

सोनिया ने किया आग्रह

खबरों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुछ दिन पहले अशोक गहलोत से मुलाकात की थी और उनसे कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने का आग्रह किया था। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी चाहते हैं कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनें। लेकिन अशोक गहलोत का एक बयान आया है कि वह राजस्थान से दूर नहीं जाएंगे। इससे सवाल यह खड़ा होता है कि क्या अशोक गहलोत राहुल और सोनिया की बात को नहीं मानेंगे। क्या वह मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार होंगे?सोनिया और राहुल के कहने पर अशोक गहलोत अगर कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने को तैयार हो गए तो वह एक शर्त जरूर रख सकते हैं। शर्त यह हो सकती है कि राजस्थान में उनके किसी करीबी नेता को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए। लेकिन ऐसा होने पर राजस्थान में उनके सियासी प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट कांग्रेस से नाराज हो जाएंगे। बता दें कि कांग्रेस ने अध्यक्ष के चुनाव के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया है कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन 24 से 30 सितंबर तक भरे जा सकेंगे जबकि 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 19 अक्टूबर को मतों की गिनती के साथ ही नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। देखना होगा कि गहलोत क्या हाईकमान की बात मानते हुए अध्यक्ष बनने के लिए राजी होंगे और क्या वह पायलट को मुख्यमंत्री बनने देंगे।

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