कोविड पैनल से बाहर हुए कप्तान नंदलाल अस्पताल के एमडी डॉ. आरके यादव ने कहा यह साजिश

हम हर स्तर की जांच कराने के लिए तैयार, आरोप लगाने वाले मरीज के परिजन नहीं खाने पीने वाले बिचौलिए थे


  कोरोना मरीजों का इलाज के नाम पर ज्यादा वसूली करने के आरोप में घिरे शहर के कप्तान नंदलाल अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड- 19 पैनल से हटा दिया है। अब अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती नहीं होगी पुराने का इलाज चलेगा। अस्पताल रूटीन में चलता रहेगा। रविवार को अस्पताल प्रबंधन ने घटनाक्रम को लेकर खुलकर अपनी बात रखी और इसे पूरे मामले को साजिश करार देते हुए किसी भी सरकारी एजेंसी से मामले की जांच कराने की मांग की। अस्पताल के एमडी डॉ. आरके यादव ने कहा कि निष्पक्ष जांच होने पर दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा। दरअसल मरीजों के नाम पर कुछ बिचौलिए सक्रिय है जो हमसे अपना खुद का हित चाहते थे। हमने मना कर दिया तो उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म का दुरुपयोग कर और मरीजों को बहका कर बेवजह का हंगामा खड़ा करवा दिया। उन्होंने कहा कि  जो मरीज 10 दिन से आईसीयू में  वेंटीलेटर पर है उसका कुल मिलकर एक लाख 90 हजार आ रहा है।वह ज्यादा कैसे हो गया जबकि सरकारी रेट पर जाए तो बिल ज्यादा बनता था। मरीज के परिजन हमारे इलाज से संतुष्ट थे उनका हलफनामा हमारे पास है। हमारे अस्पताल के बाहर जिसने हंगामा मचवाया उसने पुलिस चौकी में जाकर माफी मांग ली। डॉ. आरके यादव ने कहा कि हमारे पास कोविड मरीजों के लिए 45 बेड स्वीकृत है। हम ज्यादा से ज्यादा 20 भर्ती कर रहे हैं।  हमें ज्यादा कमाई करनी होती तो हम अन्य अस्पतालों की तरह  क्षमता से अधिक मरीज भर्ती कर लेते। हमने ऐसा नहीं किया।  उन्होंने कहा कि कोविड के लिए पहले 7 अस्पताल  पैनल में थे। बाद में यह संख्या 20 कर दी। इससे कुछ अस्पतालों की कमाई पर असर पड़ा। हमारी छवि पर हमला करने वालों में कुछ डॉक्टरों का हाथ हो सकता है इसकी पुख्ता जानकारी हमारे पास है।  उन्होंने कहा कि बार बार उनके अस्पताल को जानबूझकर निशाने पर लिया जा रहा है। पहले भी हमला किया गया जिसमें आज तक उनके हाथ कुछ नहीं लगा। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व स्वास्थ्य क्षेत्र में दलाली का काम करते हैं। हम शुरूआत से इसके खिलाफ रहे हैं। समय आने पर सबका खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा  कि सच परेशान हो सकता है पराजित नहीं। इसी सोच के साथ हम मेहनत करते रहेंगे। 

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