होली पर्व के पावन अवसर पर राजा कौशल सिंह की मूर्ति स्थापना कोसली गांव की चौपाल में गणमान्य व्यक्तियों द्वारा की गई। होशियार सिंह लम्बरदार ने बताया कि हर वर्ष धुलंडी के दिन राजा कौशल सिंह की फूलडौन सवारी को सजाकर इसी चौपाल से गांव के लम्बरदारों सहित गणमान्य व्यक्ति गाजे बाजे के साथ ले जाकर बाबा मुक्तेश्वरपुरी मठधाम मे बाबा की अमर समाधि पर रखते है। इस दिन कोसलिया गौत्र सहित आसपास इलाके से भारी संख्या में श्रद्धा अनुसार चढा़वा चढा़कर बाबा का आशीर्वाद लेते है और मठ में आए सभी लोगों को शक्कर का प्रसाद दिया जाता है। अन्त मे जब मेला समाप्त हो जाता है तब राजा कौशल सिंह की फूलडोन की सवारी को वापस मठ से चौपाल मे ले जाते है। यहां जितने भी रुपये चढा़वे मे आए है उनकी गिनती करके पुरानी प्रम्परा अनुसार सभी का मेहनताना देकर बची हुई राशि को दुसरे दिन मठ के खाते जमा किया गया। होशियार नंबरदार ने कहा कि परन्तु कुछ साल पहले जब से मठ कमेटी बनी है तब से जितना भी मठ में चढा़वा आता है। मठ कमेटी के दो या तीन बंद खातो मे जमा होता है। उनका आरोप है कि मठ कमेटी बजाय आम सहमति के अपनी मन मर्जी व तानाशाही तरीके से इसे खर्च करती है।