हमारे शरीर में हार्ट हमें जिंदगी की धड़कनें देता है. ये धड़कनें बंद हुई और जीवन की कहानी वहीं खत्म. हार्ट बिना रूके, बिना थके अनवरत धड़कनें बनाता रहता है. इसलिए हार्ट की सुरक्षा हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. लेकिन पिछले कुछ सालों से जिस तरह युवाओं में भी हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट के मामले बढ़ रहे हैं, वह बेहद चिंता की बात है. यहां तक कि युवा डांस करते हुए या क्रिकेट खेलते हुए हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हार्ट अटैक या हार्ट से संबंधित बीमारियों के कारण दुनिया भर में लगभग 1.79 करोड़ लोगों की मौत हो जाती है. दुनिया भर के एक्सपर्ट इसे लेकर चिंतित हैं. एक्सपर्ट की मानें तो हार्ट अटैक, कार्डिएक अरेस्ट, हार्ट फेल्योर या स्ट्रोक के कारण हो रही मौतों के लिए कई चीजें जिम्मेदार हैं लेकिन इनमें जागरूकता का अभाव भी बहुत बड़ा कारण है. लोगों को यह समझ नहीं कि इससे कैसे निपटा जाए.
सर्दियों में खतरा ज्यादा
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और पद्म श्री से सम्मानित वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. नितीश नायक ने बताया कि आमतौर पर सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं. इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं. लोगों के लाइफस्टाइल में बदलाव हो रहे हैं. गलत खान-पान और तनाव इसे और बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सर्दियों में जब तापमान बढ़ता है तब हमारे शरीर की नसें सिकुड़ने लगती है. इसमें ज्यादा मेहनत या डांस या रनिंग के कारण हार्ट पर अचानक दबाव बढ़ जाता है. यानी हार्ट की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे हार्ट में अचानक ब्लड क्लॉट या ब्लॉकेज की स्थिति आ सकती है. इससे अचानक हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
खाना खाने के बाद डांस से हार्ट अटैक का खतरा
कई नामी हस्तियों को नया जीवन दे चुके डॉ. नितीश नायक ने बताया कि जब आप खाना खाते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन यानी खून का बहाव पेट की तरफ ज्यादा रहता है. इससे शरीर में ऑवरऑल ब्लड पुल कम हो जाता है. यानी इस समय हार्ट को खून की सप्लाई थोड़ा कम होने लगती है. इस स्थिति में अगर कोल्ड वेव है और आप बाहर वॉक करने जा रहे हैं या ज्यादा मेहनत वाले काम जैसे कि डांस या रनिंग कर रहे हैं तो हार्ट पर कई तरह से आफद आ जाते हैं. एक तो सर्दियों में पहले से ही नसें सिकुड़ी रहती है जिससे हार्ट में खून की सप्लाई कम होने लगती है. दूसरी ओर जब आप खाना खाते हैं तो ब्लड पुल पेट की ओर होने से शरीर में ब्लड की और अधिक कमी होने लगती है. ऐसे में हार्ट अटैक का जोखिम भी बहुत ज्यादा हो जाएगा.
इंसुलिन भी बन जाता है विलेन
खाना खाने के बाद हार्ट अटैक का खतरे का एक अन्य कारण यह भी है कि खाना खाने के बाद भोजन से एनर्जी को बनाने के लिए इंसुलिन का उत्पादन ज्यादा होने लगता है. ज्यादा इंसुलिन जल्दी-जल्दी एनर्जी को बनाने लगता है. इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन की आवश्यकता अधिक होती है. ऑक्सीजन ज्यादा देने के लिए ब्लड प्रेशर को बढ़ाना पड़ता है. ज्यादा ब्लड प्रेशर यानी हार्ट पर ज्यादा प्रेशर बनता है. इससे धमनियों की आंतरिक दीवाल एंडोथेलियम के फंक्शन को नुकसान पहुंचता है. नतीजा आर्टरीज में खून का थक्कान बनने का खतरा बढ़ता है. यानी ब्लड क्लॉट होने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है. यह उन लोगों में कई सौ गुना खतरा बढ़ा देता है जिनमें पहले से हार्ट संबंधित जटिलताएं हों.
ऐसे बचें कोल्ड वेव से
डॉ. नितीश नायक ने बताया कि जब ज्यादा सर्दी हो तो बाहर में एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए और उसमें भी खाना खाकर नहीं करनी चाहिए. क्योंकि प्रदूषण की वजह से हार्ट के काम को और मुश्किल बना देता है. बाहर एक्सरसाइज करने से हार्ट पर बहुत अधिक दबाव बढ़ जाता है. इसलिए हैवी एक्टिविटी न करें. जिन लोगों को हार्ट संबंधी समस्याएं हैं वे तो बिल्कुल न करें. इससे पहले डॉक्टरों से चेकअप करवा लें और विशेष सतर्कता बरतें.
खाना खाने के बाद क्या करें..
डॉ. नितीश नायक कहते हैं कि खाना खाने के एक घंटे तक कोई भी फिजिकल एक्सरसाइज, तेज तेज चलना या नॉर्मली भी ज्यादा देर तक वॉक करना, डांस करना, क्रिकेट या फुटबॉल आदि आउटडोर गेम खेलना या कोई इंटेंस एक्टिविटी जैसी चीजें न करें. खाने के एक घंटे के बाद ये सब कर सकते हैं. हालांकि जिन्हें पहले से हार्ट संबंधित परेशानियां हैं, वे डॉक्टरों की सलाह के बिना कुछ भी न करें. खाना खाने के बाद आराम करने के अलावाा इनडोर गेम्स या सामान्य रूप से जो भी काम करना चाहते हैं वह करना चाहिए. ज्यादा सर्दी के मौसम में खासतौर न केवल बुजुर्ग बल्कि युवाओं को भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.