रघु गुरुराज गणतंत्र-दिवस के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन ‘भारत मेरी रगों में’ का आयोजन
गणतंत्र में, गण को तंत्र से ऊपर मानते हुए, सर्वोच्च स्थान दिया गया है। लेकिन देश के विकास और समाज के कल्याण के लिए दोनों में समन्वय जरूरी है। यह कहना है मेदान (इंडोनेशिया) में भारत के प्रधान कौंसलर जनरल रघु गुरुराज का। कौंसुलेट जनरल अॉफ इंडिया और इंडियन ऐक्सपैट्रिएट एसोसिएशन, मेदान (इंडोनेशिया) द्वारा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय कवि–सम्मेलन ‘भारत मेरी रगों‘ का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि विगत सात दशकों के अनुभवों से यह सिद्ध हो चुका है कि भारत विश्व का सबसे बड़ा ही नहीं, सबसे परिपक्व तथा मजबूत गणतंत्र भी है। तत्पश्चात् इंडोनेशिया की जानी–मानी कवि जोड़ी आशीष शर्मा और योगिता शर्मा के सुचारु संचालन में संपन्न हुए इस कवि–सम्मेलन में विश्व के एक दर्जन जाने–माने कवियों ने सहभागिता की। भारत के नारनौल ( हरियाणा) से विख्यात कवि और दोहा–सम्राट् डॉ. रामनिवास ‘मानव’ ने, अपने धारदार दोहों के माध्यम से, देश और दुनिया के सम्मुख उपस्थित चुनौतियों का उल्लेख करते हुए, भारत के भविष्य के प्रति इस प्रकार आशा प्रकट की-“कल तक हम उन्नीस थे, आज बने हैं बीस। कोरोना के बाद हम, फिर होंगे इक्कीस।।” इसी क्रम में चंडीगढ़ (यूटी) से प्रेम विज और डॉ विनोदकुमार शर्मा, पटियाला (पंजाब) से नरेश गुप्ता ‘नाज़’, फरीदाबाद (हरियाणा) से डॉ दुर्गा सिन्हा ‘उदार‘, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) से रणविजय श्रीवास्तव, मस्कट ( ओमान) से तुफैल अहमद, दुबई (यूएई) से स्नेहा देव, टोरंटो (कनाडा) से प्रो. सतीश सेठी तथा सुराबाया (इंडोनेशिया) से मीनाक्षी गुप्ता और मीनाक्षी श्रीवास्तव ‘मीनू‘ जैसे सुप्रसिद्ध कवियों–कवयित्रियों ने अपनी बेहतरीन कविताएँ सुनाकर सबका मन मोह लिया। आशीष शर्मा और योगिता शर्मा ने भी अपनी कविताओं द्वारा खूब रंग जमाया। कवि–सम्मेलन में आईईएम प्रबंधन कमेटी के सदस्य सुरेश चौधरी और विजय अग्रवाल (मेदान, इंडोनेशिया) भी शामिल हुए। इस अवसर पर आईईएम द्वारा प्रस्तुत नाटक ‘आइए, अपने संविधान को जानें‘ की वीडियो फिल्म भी दिखाई गई। लगभग तीन घंटों तक चला यह भव्य कवि–सम्मेलन विजय अग्रवाल द्वारा धन्यवाद–ज्ञापन के उपरांत संपन्न हुआ।