रणघोष अपडेट. देशभर से
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बीजेपी ने बेहद अहम संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति में जगह नहीं दी है। पार्टी का यह फैसला निश्चित रूप से हैरान करने वाला है क्योंकि नितिन गडकरी बड़े कद के नेता हैं। गडकरी उन मंत्रियों में शुमार हैं जिनका मोदी सरकार के पिछले 8 सालों में ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। गडकरी सड़कों को लेकर अपने विजन और इस मामले में अपनी बेहतर समझ के लिए जाने जाते हैं और उनके विरोधी भी खुलकर उनकी तारीफ करते हैं।
मोदी-शाह का युग
कहा जाता है 2014 के बाद से बीजेपी और केंद्र सरकार में वही शख्स आगे बढ़ सकता है जो नरेंद्र मोदी और अमित शाह की गुड बुक में हो। लेकिन गडकरी चूंकि खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं, उनका अपना भी एक बड़ा सियासी क़द है इसलिए वह मोदी-शाह की जोड़ी के आगे डटकर खड़े रहे। गडकरी के बारे में कहा जाता है कि 2014 के बाद से ही उनकी सियासी उड़ान की रफ्तार धीमी हो गयी है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नितिन गडकरी ने कई बयान दिए। इन बयानों को लेकर यह चर्चा हुई थी कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह को आइना दिखाना चाहते हैं। हालांकि इस पर विवाद होने के बाद उन्होंने सफाई भी दी थी।