जमीन बचाने और मुआवजे के लिए किया कोसली में रेल ट्रैक जाम

 रेवाड़ी से झाड़ली पावर प्लांट जाने वाले रेल ट्रैक पर ग्रामीणों का धरना


रणघोष अपडेट. कोसली. रेवाड़ी

कोसली क्षेत्र के गांव लिलोढ के ग्रामीण आज झाड़ली पावर प्लांट का केमिकल युक्त पानी खेतों में आने से खेती नहीं होने तथा जमीन खराब होने को लेकर मुआवजा कि मांग करते हुए रेलवे लाईन पर धरना देकर बैठ गए । रेलवे ट्रैक जाम करने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचा भारी पुलिस बल धरनारत ग्रामीणों को मनाने में नाकाम रहा। आखिर पांच घंटे के बाद  31 दिसंबर को पावर प्लांट के सीओ से मीटिंग करवाने व मुआवजे कि व्यवस्था करवाने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया ।  गुरुवार को सुबह ही कोसली से पावर प्लांट को जाने वाले रेलवे ट्रैक पर लिलोढ गांव के महिला पुरूष मुआवजे कि मांग को लेकर बैठ गए । धरना पर ग्रामीणों के बैठने कि सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। भारी पुलिस बल लेकर पहुंचे डीएसपी जय सिंह  मौके पर ग्रामीणो को मनाने के प्रयास में जुटे,  लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अडे़  रहे । जब लोग धरना से नहीं उठे तो इसकी जानकारी कोसली एसडीएम को दी गई । एसडीएम कोसली जयप्रकाश  मोके पर पहुंचे । उधर रेलवे ट्रैक पर बैठने कि सूचना पर जिला झझर के एसडीएम व तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे । ग्रामीणों और दोनो जिला के अधिकारियों के बीच सहमति बनी कि 31 दिसंबर को पावर प्लांट के सीओ से बात करके मुआवजे कि व्यवस्था करवाने का प्रयास किया जाएगा । आखिर पांच घन्टें बाद अधिकारियों के आश्वासन पर  धरना समाप्त करने के बाद प्रशासन ने राहत कि सांस ली।

गांव कि जमीन रेवाड़ी और पावर प्लांट झज्जर की सीमा में

धरनारत ग्रामीणों के अनुसार काफी लंबे समय से उनकी खेती योग्य सैकड़ों हैक्टेयर जमीन पावर प्लांट के पानी से दल दल हो गई है । जिसमें खेती करना तो दूर खेतों में पैर नहीं रख सकते । यह दलदल साल दर साल बढ़ती जा रही है । जिसके कारण जमीन होते हुए भी सैकड़ों परिवार भूमि होते हुए भी भूमिहीन हो गए हैं । उनके सामने भूखा मरने कि नौबत आ खड़ी हुई है । ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए बार बार प्रशासन से मांग के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है।  सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके गांव कि जमीन जिला रेवाड़ी में आती है ओर पावर प्लांट जिला झज्जर की सीमा में है । इस हालत में में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है । मजबूरन हमें प्रशासन को जगाने के लिए  धरना पर बैठना पड़ा है।

विधानसभा में भी विधायक उठा चुके मुद्दा

ग्रामीणों ने बताया उनके गांव कि पावर प्लांट से खराब होती जा रही जमीन को लेकर ग्रामीण स्थानीय विधायक लक्षमण यादव से भी मिल चुके है। जिन्होने इस समस्या का समाधान या मुआवजा कि मांग पूर्व में उठा चुके हैं ।  ग्रामीण मदन, बिल्लू, पार्षद विनोद, प्रवीन ने बताया कि जब से उनके गांव कि सीमा के साथ पावर प्लांट लगा है उनकी परेशानी साल दर साल बढ़ती जा रही है।

एक लाख रूपया सालाना प्रति एकड़ मुआवजा

ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव कि जमीन जो खेती योग्य थी, खराब हो रही है। उसका एक लाख रूपया साल का प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए ।  धरने पर बैठने के मामले को लेकर एसडीएम कोसली का कहना है कि जल्द ही लिलोढ गांव के किसानों कि समस्या का समाधान करवाया जाएगा ओर इसके लिए  वह जिला उपायुक्त से मिलकर स्थिति से अवगत करवाएंगे । बहरहाल उनके आशवासन के बाद ग्रामीण धरना से उठ कर धरना समाप्त कर दिया है ।

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