मुसलमान भी हैं माधवी लता के फैन, संकट में असदुद्दीन ओवैसी; हैदराबाद में कांटे की टक्कर

हैदराबाद की लड़ाई इस लोकसभा चुनाव में काफी रोचक हो चुकी है। बीजेपी ने इस सीट से माधवी लता को अपना कैंडिडेट बनाया है। तेलंगाना के सभी 17 लोकसभा सीटों में सबसे हाईप्रोफाइल हैदराबाद में उनका मुकाबला एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से है। यह सीट 1984 से ही ओवैसी परिवार के पास है। माधवी लता अपने बयानों से लोकर अपने सामाजिक कार्यों को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में उनकी जमकर तारीफ की थी। 49 साल की माधवी लता पेशे से कारोबारी होने के साथ-साथ समाजसेवी भी हैं और लंबे समय से मुस्लिम-बहुल पुराने शहर में सक्रिय हैं। कोई विशेष राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं होने के बावजूद माधवी लता अपना सियासी वजूद साबित करने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। पेशेवर भरतनाट्यम नृत्यांगना माधवी लता ने तेलुगु और तमिल फिल्मों में अभिनय भी किया है। वह 2018 में भाजपा में शामिल हो गईं और 2019 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में गुंटूर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतरीं। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार मिली।

मुस्लिमों के बीच भी लोकप्रिय हैं माधवी लता
मुस्लिम समाज में लोकप्रिय माधवी लता को उम्मीदवार बनाये जाने का एक कारण यह रहा कि वह मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए काम करती हैं और उनके बीच काफी लोकप्रिय हैं। साथ ही प्रखर वक्ता होना भी उनके पक्ष में है। माधवी लता निराश्रित मुस्लिम महिलाओं की आर्थिक मदद भी करती रही हैं। उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ अभियान भी चलाया था। खुद माधवी लता दावा करती हैं कि उन्हें चुनाव में मुस्लिम महिलाओं का सहयोग मिलेगा। माधवी लता का दावा है कि वह एक साल से इस निर्वाचन क्षेत्र में काम कर रही हैं। इस चुनाव में ओवैसी को माधवी से जोरदार चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। हैदराबाद सीट एआईएमआईएम का गढ़ रही है। ओवैसी जहां मुस्लिम चेहरा हैं, वहीं माधवी लता की छवि कट्टर हिंदुत्व समर्थक की है। दोनों के बीच विचारधारा की लड़ाई है।  एक विधानसभा सीट भाजपा के पास सात विधानसभा सीटों वाली हैदराबाद लोकसभा सीट में करीब 19 लाख मतदाता हैं। हैदराबाद में जो सात विधानसभा सीटें हैं, उनमें सिर्फ एक सीट गोशामहल में भाजपा विधायक केटी राजा सिंह हैं। बाकी सीटों पर एआईएमआईएम के विधायक हैं।