हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से झारखंड की राजनीति में उलटफेर की संभावनाएं शुरू हो गई हैं. एक तरफ जहां पार्टी में ही सीएम पद के ऐलान के बाद विरोध के सुर उठने लगे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अपनी सरकार बचाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अपने और अन्य सहयोगियों के विधायकों को दूसरे शहर शिफ्ट करने की प्लानिंग कर रही है. जानकारी के मुताबिक 35 विधायकों को चार्टर प्लेन के जरिए रांची से हैदराबाद या बैंगलोर शिफ्ट करने की प्लानिंग की जा रही है. अगर आज राजभवन से आमंत्रण नहीं मिलता है तो इन विधायकों को शिफ्ट कर दिया जाएगा.
वहीं हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले संभावना थी कि कल्पना सोरेन को सीएम बनाया जा सकता है तो इस बीच हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने विरोध करना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा था कि हेमंत सोरेन के बाद सीएम पद पर मेरा अधिकार है. हालांकि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनके सबसे करीबी मंत्री और विधायक चम्पई सोरेन का नाम सीएम पद के लिए ऐलान किया गया. गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. राज्यपाल ने भी तुरंत इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया था.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार होने से पहले हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय ने उनके आधिकारिक आवास पर सात घंटे तक व्यापक पूछताछ की. अधिकारियों के मुताबिक, इसके बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए ईडी कार्यालय ले जाया गया. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी की गिरफ्तारी से सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सूत्रों के मुताबिक, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ्तार होने से पहले एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया था.
वीडियो में उन्होंने कहा, ”ईडी आज मुझे गिरफ्तार करने आई है. पूरे दिन मुझसे पूछताछ करने के बाद, उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से मुझे एक ऐसे मुद्दे पर गिरफ्तार करने का फैसला किया, जिसका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है. झारखंड के पूर्व सीएम ने कहा, “उन्हें (ईडी) कोई सबूत नहीं मिला, उन्होंने दिल्ली में छापेमारी करके मेरी छवि खराब करने की भी कोशिश की.”