एस यू सी आई कम्युनिस्ट के तत्वाधान में डीजल पेट्रोल के दामों में लगातार की जा रही बढ़ोतरी के विरोध में एवं रसोई गैस प्रति सिलेंडर 50 की बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ शहर में प्रदर्शन किया और विरोध स्वरूप प्रधानमंत्री का पुतला जलाया गया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व पार्टी के जिला सचिव कामरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने करते हुए कहा की आसमान छूती महंगाई में डीजल पेट्रोल एवं रसोई गैस के दामों में किए गए बढ़ोतरी ऐसे नहीं है। डीजल पेट्रोल के दामों में की गई वृद्धि से महंगाई और बढ़ेगी और आम परिवारों के घरों से एलपीजी गैस लुप्त हो जाएगी। कामरेड सिंह ने कहा अंतरराष्ट्रीय लेवल पर कच्चे तेल के दामों में काफी गिरावट आई है उसके बावजूद भी देश में डीजल पेट्रोल के दाम बढ़े हैं। इसके पीछे मुख्य कारण सरकारों द्वारा डीजल पेट्रोल पर भारी भरकम टैक्स लगाना और प्राइवेट कंपनियों के मुनाफे को बढ़ाना है। पड़ोसी देश भूटान पाकिस्तान श्रीलंका नेपाल बांग्लादेश में डीजल पेट्रोल के दाम भारत से काफी कम है। सरकार ने जब तमाम चीजों को जीएसटी के अंतर्गत ला दिया है तो डीजल पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाया जा रहा है? आज यह सिद्ध हो चुका है की सरकार के चिंता पूंजीपति कंपनियों के मुनाफे की है जनता से सरकार का कोई सरोकार नहीं रहा। एस यू सी आई कम्युनिस्ट सरकार से मांग करते हैं की डीजल पेट्रोल के बढ़ाए दाम तुरंत वापिस लिए जाएं एवं सरकार डीजल पेट्रोल को अपने नियंत्रण में ले और इसे जीएसटी के दायरे में लाए। रसोई गैस पर बढ़ाए गए दाम वापस लिए जाएं, रसोई गैस पर खत्म की जा रही सब्सिडी को तुरंत प्रभाव से बहाल किया जाए। एस यू सी आई कम्युनिस्ट सरकार के इस जनविरोधी नीति एवं कदम के खिलाफ जोरदार आंदोलन गठित करने के लिए गांव और शहर में जनसभाएं आयोजित करेंगे। प्रदर्शन में मुख्य रूप से ट्रेड यूनियन नेता बलराम यादव, अमृतलाल, नरेश कुमार, अमर सिंह राजपुरा, सुमन लता गीता देवी, सुमन कुमारी, करतार सिंह, सुनील कुमार, मनोज कुमार, अजय सिंह, पवन कुमार, अनिल कुमार, किसान नेता रामकुमार समेत अनेकों ने अपने अपने विचार प्रकट किए।