तमिलनाडु में मंत्री अरेस्ट, विपक्ष ने ईडी के दुरुपयोग की निन्दा की

रणघोष अपडेट. देशभर से 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। उन्हें कथित नौकरी रैकेट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पकड़ा गया है। गिरफ्तारी के बाद मंत्री सेंथिल बालाजी बीमार पड़ गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गिरफ्तारी के बाद चेन्नई और करूर में एक दर्जन स्थानों पर 18 घंटे की पूछताछ हुई।,इसमें चेन्नई में बालाजी का सरकारी निवास, फोर्ट सेंट जॉर्ज में राज्य सचिवालय में उनका सरकारी कमरा और चेन्नई में उनके भाई अशोक का घर शामिल है। डीएमके और समूचे विपक्ष ने इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों की आड़ लेकर डीएमके से नहीं लड़ सकती। कांग्रेस, डीएमके और आम आदमी पार्टी ने इस गिरफ्तारी की निन्दा करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर सवाल उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सचिवालय में घुसकर मंत्री बालाजी के दफ्तर की तलाशी लेने, उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से गिरफ्तार करने की निन्दा करती है। केंद्रीय एजेंसियों के सहारे भाजपा और केंद्र सरकार विपक्ष को खामोश नहीं कर पाएंगे।  आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विपक्ष को परेशान करने और डराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का भाजपा द्वारा दुरुपयोग बेरोकटोक जारी है। तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ ईडी के छापे की कड़ी निंदा करता हूं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्री वी सेंथिल बालाजी पर ईडी द्वारा की गई छापेमारी की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह भाजपा द्वारा राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। राजनीतिक बदले की भावना से अंधी भाजपा हमारे लोकतंत्र को अपूरणीय क्षति पहुंचा रही है। भाजपा ने इस प्रकरण पर कहा है कि डीएमके ड्रामा न करे। मुख्यमंत्री स्टालिन अपने मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रिमंडल से फौरन बर्खास्त करें। मामला राज्य के परिवहन विभाग में नौकरी के लिए घोटाले से जुड़ा है, जो कथित तौर पर 2011-16 से एआईएडीएमके  शासन में परिवहन मंत्री के रूप में बालाजी के कार्यकाल के दौरान हुआ था। मामला मार्च 2021 में विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर दर्ज किया गया था, जब चेन्नई पुलिस ने बालाजी और 46 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें विभिन्न परिवहन निगमों के वरिष्ठ रिटायर्ड और सेवारत अधिकारी शामिल थे। बालाजी पर 2014-15 में राज्य को हिलाकर देने वाले भर्ती घोटाले से जुड़े आरोप हैं। पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर,  2022 को मद्रास हाईकोर्ट द्वारा बालाजी और अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए) मामले में भेजे गए ईडी समन को खारिज करने के पिछले फैसले को रद्द करते हुए जांच का रास्ता साफ कर दिया था।

बालाजी, जिनके पास वर्तमान में बिजली, उत्पाद शुल्क और निषेध विभाग हैं,  को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया । मंगलवार को व्यापक तलाशी के बाद यह कार्रवाई की गई है। राज्य सचिवालय में मंत्री के कक्ष में ईडी की तलाशी अपनी तरह की पहली थी।  अपनी गिरफ्तारी के बाद, बालाजी ने सीने में तकलीफ की शिकायत की, और उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए लगभग रात में 2.30 बजे चेन्नई के सरकारी मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया। युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उधयनिधि स्टालिन,  स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यन और लोक कल्याण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री ई वी वेलू,  कानून मंत्री एस रघुपति सहित कई मंत्री बालाजी को देखने अस्पताल पहुंचे,  लेकिन कथित तौर पर उन्हें गिरफ्तार लोगों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई।  तमिलनाडु के मंत्री रघुपति ने ईडी की गिरफ्तारी प्रक्रियाओं के पालन के बारे में संदेह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सेंथिल बालाजी को निशाना बनाया गया और प्रताड़ित किया गया। ईडी उनसे 24 घंटे लगातार पूछताछ करता रहा। यह पूरी तरह मानवाधिकार के खिलाफ है। उन्हें (ईडी) लोगों और अदालत को जवाब देना होगा। उन्होंने ऑपरेशन के तरीके को “अनुचित और अमानवीय” के रूप में आलोचना की, जिससे बालाजी पर अनावश्यक तनाव पैदा हो गया। उन्होंने मंत्री की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और परिवार और दोस्तों से उनकी गिरफ्तारी की परिस्थितियों के बारे में जानकारी न देने की भी निंदा की। मंत्री रघुपति ने कहा कि  “इस गिरफ्तारी के पीछे के लोग कानून के सामने जवाबदेह होंगे। अगर वे दिल्ली में सत्ता होने के नाम पर ऐसा कर रहे हैं, तो इस तथ्य को न भूलें कि उनकी सत्ता स्थायी नहीं है।”

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