दिल्ली-एयरपोर्ट पहुंचा ‘बाहुबली’

काबू करने के लिए चाहिए 15 लोग, क्या करता है काम?


दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक डिसेबल्ड एयरक्राफ्ट रिकवरी (DAR) किट लाई गई है. इसका इस्तेमाल एयरपोर्ट पर ऐसे एयरक्राफ्ट को रिकवर करने के लिए किया जाता है जो किसी कारणवश खुद से नहीं चल सकते या फिर उन्हें टो ट्रैक्टर की मदद से भी नहीं हिलाया जा सकता. ऐसी किसी आपातकालीन स्थिति में DAR किट को 120 मिनट के अंदर प्लेन खींचने के लिए तैयार किया जा सकता है. इससे बहुत जल्दी प्रतिक्रिया देने में मदद मिलती है और यात्रियों को ज्यादा देर तक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.

इस किट को जर्मनी की कंपनी KUNZ से खरीदा गया है और ये एक नैरो बॉडी एयरक्राफ्ट (छोटी दूरी से लिए इस्तेमाल होने वाले जहाज) जैसे Airbus A320 और Boeing 737 को पूरी तरह से रिकवर कर सकता है. साथ ही ये एक बड़े प्लेन की वन साइडेड रिकवरी भी कर सकता है.

कब किया जाता है इस्तेमाल
अगर रनवे पर कोई विमान खराब हो जाता है, फिसलकर रवने से उतर जाता है, उसके टायर फट जाते हैं या फिर कोई भी ऐसी घटना हो जाती है जिस कारण जहाज अपने बल पर आगे नहीं बढ़ पाएगा तो इसका इस्तेमाल किया जाता है. वैसे जहाजों को टो करने के लिए टो ट्रैक्टर मौजूद होते हैं लेकिन वह उन्हीं जहाजों को हटा सकते हैं जो चलने की स्थिति में हों.

15 लोगों की जरूरत
इसके परिचालन के लिए 15 लोगों की जरूरत होती है. दिल्ली हवाई अड्डे पर 36 लोगों को विशेष रूप से इसका प्रशिक्षण दिया गया है. इसे लेकर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के सीईओ विदेह कुमार जयपुरिया ने कहा, “आज जो डार किट एयरपोर्ट पर लाई गई है यह आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल खराब विमान को रनवे से हटाकर सुगम परिचालन सुनिश्चित करती है. हमारे एयरपोर्ट स्टाफ को इसे किसी आपातकालीन घड़ी में परिचालित करने के लिए जर्मनी और भारत में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.” उन्होंने कहा कि डीएआर किट का इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर लाया जाना यह दिखाता है कि जीएमआर यात्रियों की सुविधा के लिए हमेशा तत्पर है. बता दें कि नई दिल्ली एयपोर्ट के रख-रखाव का ठेका जीएमआर ग्रुप के पास है.

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