दुनिया का चौथा बड़ा हवाई अड्डा होगा जेवर एयपोर्ट, अब इतना होगा कुल क्षेत्रफल

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के लिए 845 हेक्टेयर जमीन और जोड़ दी गई है। परियोजना के लिए 5845 हेक्टेयर जमीन तय हो गई है। अब क्षेत्रफल के हिसाब से यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इस बढ़ी हुई जमीन पर मेंटीनेंस, रिपेयरिंग व ओवरहॉलिंग सेंटर विकसित होगा।

यमुना प्राधिकरण ने जेवर एयरपोर्ट के लिए पांच हजार हेक्टेयर जमीन आरक्षित की थी। इसमें से एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। दूसरे चरण में एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन के अधिगृहण प्रस्ताव पर प्रदेश कैबिनेट स्वीकृति दे चुका है। एयरपोर्ट के लिए आरक्षित जमीन का अधिग्रहण चार चरणों में होना है।

प्राधिकरण ने अपने वर्ष 2031 के मास्टर प्लान में एयरपोर्ट से सटी जमीन पर चार औद्योगिक सेक्टर-7, 8, 30 व 31 प्रस्तावित किए थे। अब हवाई जहाज की मेंटीनेंस, रिपेयरिंग व ओवरहालिंग (एमआरओ) इंडस्ट्री को देखते हुए सेक्टर-30 की 500 हेक्टेयर व सेक्टर-31 की 345 हेक्टेयर जमीन एयरपोर्ट के लिए आरक्षित कर दी गई है। इसके चलते जेवर एयरपोर्ट के लिए अब आरक्षित जमीन 5845 हेक्टेयर हो गई है।

एयरपोर्ट देश क्षेत्रफल हेक्टेयर में
किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट सउदी अरब 77,600
डेनवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमेरिका 13,571
डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमेरिका 6,963
ऑरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमेरिका 5,383
वॉशिंगटन डुलल्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमेरिका 4,856

गतिविधियां और तेज 

जेवर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार मंजूरी दे चुकी है। सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट (एसआईए) कराने के लिए प्रशासन ने अपना प्रस्ताव भेज दिया है। अब ये गतिविधियां और तेज होंगी। इस जमीन पर एक रनवे और एमआरओ सेंटर विकसित किया जाएगा। यह एमआरओ सेंटर यमुना प्राधिकरण विकसित करेगा। इसके लिए भी टेंडर निकाले जाएंगे।

पहले चरण में दो रनवे बनेंगे

जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण में दो रनवे बनेंगे। इसके लिए विकासकर्ता के रूप में स्विस कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी का चयन हो चुका है। इस कंपनी ने यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम से एसपीवी बनाई हुई है। मास्टर प्लान एवं टर्मिनल बिल्डिंग का डिजाइन तय हो चुका है। एयरपोर्ट का निर्माण कार्य अगले माह शुरू होने की उम्मीद है। एयरपोर्ट के मास्टर प्लान को पास कराने के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। जल्द ही वहां से पास होकर मास्टर प्लान नियाल को मिल जाएगा।

जेवर एयरपोर्ट में 845 हेक्टेयर जमीन और जोड़ दी गई है। अब इसका क्षेत्रफल 5845 हेक्टेयर हो गया है। इसे मास्टर प्लान में भी शामिल कराया जाएगा।” डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण

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