जालंधर में एक पुलिस डीएसपी की हत्या का मामला सामने आया है. अर्जुन पुरस्कार विजेता डीएसपी दलबीर सिंह देयोल की न्यू ईयर नाइट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सिर में गोली मार उन्हें मौत के घाट उतारा गया था. दलबीर पंजाब पुलिस का हिस्सा बनने से पहले एक भारोत्तोलक खिलाड़ी थे. शानदार खेल के दम पर ही उन्हें पुलिस की नौकरी मिली थी. जालंधर पुलिस ने उनकी हत्या की गुत्थी को सुलझा लेने का दावा किया है. पुलिस के मुताबिक एक ऑटो चालक ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था.
घर छोड़ने को लेकर हुए विवाद के बाद ऑटो चालक ने पुलिस अधिकारी को गोली मार दी थी. पुलिस अधिकारी जुगल किशोर जब ड्यूटी से घर लौट रहे थे तो उन्होंने नहर के पास शव देखा. किशोर ने अपने सहयोगियों को बुलाया और जांच शुरू कर दी. पुलिस ने कई सीसीटीवी कैमरे देखे और उनमें से एक में देखा कि देओल ने एक ऑटोरिक्शा लिया था. उन्होंने वाहन का नंबर नोट कर लिया और तिपहिया वाहन जिस संभावित रास्ते से गुजरा होगा वहां लगे सीसीटीवी कैमरों को ध्यान से देखते हुए वाहन का पता लगाया.
सर्विस पिस्टल से की थी हत्या
पुलिस के मुताबिक विजय कुमार नाम के आरोपी ने पुलिस अधिकारी की सर्विस पिस्तौल छीनने के बाद उसके सिर पर गोली मार दी थी. शव के पास से पिस्तौल बरामद हुई. जालंधर के पुलिस प्रमुख स्वपन शर्मा ने कहा, “हमें दलबीर सिंह देयोल का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला. जिस स्थान पर उनका शव मिला, वह जालंधर से 6-7 किमी दूर है. हमने मामले में एक ऑटो रिक्शा चालक विजय कुमार को गिरफ्तार किया है.”
क्या थी हत्या की वजह?
पूछताछ के दौरान पता चला कि ऑटो चालक ने पुलिसकर्मी को उसके गांव के अंदर डॉप करने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद दोनों पक्षों में इसे लेकर विवाद हो गया. झगड़ा इस कदर बढ़ा कि वो हाथापाई में बदल गया. इस दौरान ऑटो चालक विजय ने देओल की सर्विस पिस्टल को छीन लिया और उनके सिर में गोली मार दी. वारदात को अंजाम देने के बाद वो पिस्टल मौके पर ही छोड़ कर फरार हो गया.