नगर निकाय चुनाव की ग्रांउड रिपोर्ट

जीत के लिए कोई विचारधारा नहीं, चेयरमैन प्रत्याशियों के लिए कोई पार्षद बने बस वोट मिलने चाहिए, यहीं हाल वार्ड उम्मीदवारों का..


रणघोष खास. रेवाड़ी. धारूहेड़ा  


नगर निकाय चुनाव में बेशक भाजपा एवं कांग्रेस ने अपने सिंबल से चुनाव कराने का दांव खेल दिया है। भाजपा एक कदम आगे बढ़ते हुए वार्ड पार्षद चुनाव भी पार्टी सिंबल पर लड़ रही है। ये राजनीतिक दल अपने इस नए प्रयोग में कितने सफल हो पाते हैं यह 30 दिसंबर को पता चलेगा। नगर परिषद रेवाड़ी एवं नगर पालिका धारूहेड़ा की मौजूदा जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है। यह लोकतांत्रिक प्रणाली का सबसे छोटा चुनाव है। लिहाजा वोटों की संख्या भी वार्ड स्तर पर कुछ हजारों में होती है। वार्ड उम्मीदवार एवं मतदाता निजी तौर पर सीधे जुड़े रहते हें। इसमें प्रत्याशी का अपना व्यवहार, दृष्टिकोण एवं भाईचारा ही जीत- हार का आधार होता है। इसमें किसी भी पार्टी की विचारधारा या माहौल का असर बहुत कम असर डालता है। इसलिए इस चुनाव में भी मैदान में उतर चुके वार्ड प्रत्याशी अपनी जीत के लिए चेयरमैन एवं वार्ड प्रत्याशी एक दूसरे से संपर्क साधे हुए हैं। दोनों अपनी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए एक दूसरे का भरोसा या कसमें वायदे दिला रहे हैं। आजाद उम्मीदवार के दरवाजे चारों तरफ से खुले हुए हैं। प्रत्याशियों के पास मतदाता के पास पहुंचने और अपने विश्वास लेने के लिए महज 10 दिन का समय बचा है। ऐसे में जिस भी प्रत्याशी के पास बेहतर मैनेजमेंट होगा वह आसानी से चुनाव निकाल ले जाएगा। यहा प्रत्याशी को हर समय खुद को आमजन के लिए तैयार रहना पड़ेगा। मीडिया कवरेज भी अलग अलग रास्तों से होकर अपनी भूमिका निभाएगी। हर समय इस चुनाव की तस्वीर बदलती जाएगी। कुल मिलाकर यह विधानसभा एवं लोकसभा से भी बेहद दिलचस्प एवं किसी की राजनीति जड़ों को मजबूत एवं हिलाने वाला चुनाव साबित होने जा रहा है।

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