नीति आयोग की रिपोर्ट में हरियाणा हर क्षेत्र में पिछड़ा, हत्या और बेरोज़गारी दर में टॉप पर – दीपेन्द्र हुड्डा

रणघोष अपडेट. हरियाणा

राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि भारत सरकार के नीति आयोग के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा लगभग हर क्षेत्र में पिछड़ गया है, हत्या दर और बेरोज़गारी दर में ऊपर आया है। भारत सरकार के नीति आयोग ने 17 मानकों पर हर प्रदेश की रिपोर्ट प्रकाशित कर हरियाणा सरकार के झूठे दावों की पोल खोलने का काम किया है। नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी सूचकांक के अनुसार अब हरियाणा बेरोजगारी, अपराध में टॉप 3 राज्यों में है। इसके अलावा शिक्षा, औद्योगिक और आर्थिक वृद्धि में भी हरियाणा पिछड़ गया है। उन्होंने नीति आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के हवाले से कहा कि जो प्रदेश 2014 तक प्रति व्यक्ति आय, निवेश, कृषि उत्पादकता, खेल खिलाड़ियों जैसे विकास के पैमानों पर नंबर 1 पर था, वो अब 14वें स्थान पर पहुँच गया है। गरीबी के मामले में हरियाणा 12वें नंबर पर है। यह इकलौती ऐसी सरकार है जिसके राज में हरियाणा में गरीबी में कोई कमी नहीं आयी। वॉटर सैनिटेशन में 23वें स्थान पर, गरीब-अमीर में अंतर में हरियाणा 14वें नंबर पर आया है। नीति आयोग के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश बेरोज़गारी बढ़ी है। हेल्थ में उड़ीसा जैसे राज्य हरियाणा से आगे निकल गये हैं। हरियाणा की सरकार को जागना होगा और हर क्षेत्र में जो गिरावट हो रही है उसे सुधारना होगा। दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार से स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर सवाल किया कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्यों पिछड़ गया और दूसरे प्रदेश आगे निकल गए? इसका एकमात्र कारण ये है कि पिछले 7 साल में इस सरकार ने हरियाणा के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई ध्यान ही नहीं दिया। नीति आयोग के आंकड़ों के हवाले से हरियाणा में रिकॉर्ड बेरोज़गारी पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि चाहे स्वास्थ्य परिसर की बात हो, रेल कोच फैक्ट्री हो या महम के इंटरनेशनल एयरपोर्ट की, मौजूदा सरकार न तो सरकारी क्षेत्र में रोजगार दे पायी, न निजी क्षेत्र में कोई निवेश आया। मारुति और होंडा जैसी कंपनियां गुजरात में चली गयीं। सरकारी भर्तियां लटक रही हैं और लगातार रद्द हो रही हैं। नीति आयोग ने भी कहा है कि हरियाणा में औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार कम हुए हैं। कपूरथला के बाद हरियाणा के लिये 2013 के रेल बजट में रेल कोच फैक्टी मंजूर कराई गई थी, लेकिन रेल कोच फैक्टरी सोनीपत से बनारस चली गई। इसी प्रकार महम में मंजूर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को उत्तर प्रदेश के जेवर में भेज दिया गया, लेकिन हरियाणा की कमजोर सरकार दबी जुबान में भी इसका विरोध नहीं कर पाई।

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