नीतीश कुमार ने I-N-D-I-A का संयोजक बनने से इनकार कर इस बात से उठा दिया पर्दा!

इंडिया अलायंस की जूम मीटिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाए जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. बताया जा रहा है कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के आग्रह पर कांग्रेस ने नीतीश कुमार से संयोजक बनने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन, नीतीश कमार ने आग्रह ठुकरा दिया और कहा कि कांग्रेस का ही चेयरपर्सन बने. इंडिया अलायंस की जूम मीटिंग में नीतीश कुमार के साथ जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार के मंत्री संजय झा भी मौजूद थे. इस मीटिंग के खत्म होने के बाद यह जानकारी सामने आ रही है कि नीतीश कुमार ने मीटिंग में क्या-क्या बातें कहीं.

मीटिंग से बाहर आने के बाद संजय झा ने बताया कि इस बैठक में नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से फिलहाल इनकार कर दिया. इसके साथ ही सीएम नीतीश ने सीट शेयरिंग को लेकर जल्द फैसला लेने का आग्रह किया. नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें किसी भी पद की इच्छा नहीं है, वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द इंडिया गठबंधन के घटक दल सीट शेयरिंग को लेकर फैसला लें, क्योंकि लोकसभा चुनाव में अब बेहद ही कम वक्त बचा है.

बताया जा रहा है कि मीटिंग में नीतीश कुमार को कन्वीनर पद के लिए प्रोपोज किया गया था और इंडिया अलायंस के चेयरपर्सन की भी पोस्ट पर भी बातचीत हुई थी. लेकिन, इस पर डिस्कशन पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. अब नीतीश कुमार की तरफ से कहा गया है उन्हें पद की लालसा नहीं है. वहीं, राजनीति के जानकार कह रहे हैं किअब इस बात से पर्दा उठ गया है कि वह इंडिया अलायंस का संयोजक ही नहीं वह उसे कुछ ऊपर की चीज, यानी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी चाहते हैं.

इसके साथ ही राजनीति के जानकार यह भी कहते हैं कि संयोजक पद का काम तो उन्होंने एक तरह से कर दिया है. अधिकतर दलों को उन्होंने एक जगह इकट्ठा कर दिया और उन्होंने अपनी भूमिका निभा दी. लेकिन, अब मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद बदली परिस्थिति में वह कांग्रेस के साथ बंधकर दिखना नहीं चाहते हैं. इसके साथ ही वह लालू-नीतीश पर दबाव बनाए रखने के लिए अपने लिए एक सेफ विंडो एनडीए की ओर भी खोलकर रखना चाहते हैं.

हालांकि, इंडिया अलायंस की इस बैठक को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि इसका एक बड़ा उद्देश्य इंडिया अलायंस में शामिल दलों व इनके नेताओं के बीच संवादहीनता को खत्म करना था. कहा जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से कल से शुरू हो रहे राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए मीटिंग में शामिल पार्टियों से सहयोग करने की अपील की गई है.

बता दें कि इस बैठक में ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे शामिल नहीं थे. कहा जा रहा है कि उनके कुछ कार्यक्रम पहले से तय थे इसलिए वे शामिल नहीं हुए. लेकिन, नीतीश कुमार, लालू यादव, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, शरद पवार, स्टालिन, समेत कई बड़े नेता इस मीटिंग में शामिल थे.

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