न्याय की आवाज को दबाने के लिए सभी हदों को पार कर रही भाजपा- जेजेपी सरकार

भाजपा जेजेपी की सरकार ने संपत्ति नुकसान वसूली के नाम से जो कानून पास किया है उसका असली मकसद जन आंदोलनों, अन्याय के खिलाफ न्याय की आवाज को कुचलने के लिए है। एस यू सी आई कम्युनिस्ट के जिला सचिव कामरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि वस्तुतः यह कानून मौलिक ,  जनवादी एवं प्राकृतिक अधिकारों पर अंकुश लगाने के लिए बनाया गया है। इस कानून के तहत किसी सभा में हिस्सा लेने वाले, कार्यक्रम करने वाले संगठन, कार्यक्रम की सलाह देने वाले , कार्यक्रम की योजना बनाने वाले एवं कार्यक्रम को उत्साहित, समर्थन एवं मदद देने  वाले नागरिक इस कानून के दायरे में आते हैं। अगर न्यूनतम 1000 से लेकर जितने का भी नुकसान होगा और कार्यक्रम के दौरान पुलिस एवं सशस्त्र बल लगाए जाएंगे। उनका खर्चा समेत संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली उपरोक्त संगठन एवं नागरिकों से की जाएगी  और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर केस भी चलेगा। किसी कार्यक्रम आयोजित करने से पहले अखबार में उसका समाचार प्रकाशित करना उत्साहित करने की परिभाषा में आएगा और सरकार समाचार पत्र को और उसके संवादाता संपादक से भी वसूली कर पाएगी औरअपराधी कार्रवाई भी चलेगी। सरकार चाहे उसी नागरिक को इस कानून की लपेट में ले सकती है।

कामरेड राजेंद्र सिंह ने कहा केंद्र एवं प्रांतीय सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण समाज के हर तबके में विशेष तौर पर शोषित पीड़ित जनता में जबरदस्त विरोध एवं  नाराजगी है और वह  आंदोलन के रूप में बाहर आती हैं। आंदोलन जीवन को बचाने का संघर्ष एवं नाम है आंदोलन करना,  किसी का चाव नहीं है । 3 काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे शानदार आंदोलन जिसके समर्थन में समाज का हर तबका जुड़ गया है उसकी पृष्ठभूमि में हरियाणा सरकार यह कानून लेकर आई है। इस काले कानून को लाकर सरकार ने यह साबित कर दिया है की उसे जनजीवन की समस्याओं से  कोई वास्ता नहीं बचा है।

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