पढ़िए एक एस डी ग्रुप ओॅफ स्कूलस के चैयरमैन जगदेव यादव की कहानी

10 साल की उम्र में परिवार संभाला, गांव में शिक्षा का पौधा लगा बनाई राष्ट्रीय पहचान


रणघोष खास. कनीना की माटी से


एस डी ग्रुप ओॅफ स्कूलस के चैयरमैन जगदेव यादव एक ऐसी शख्सियत।  जिसके संपूर्ण शरीर के कतरे कतरे में शिक्षा अपना घर बनाकर रहती है। पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस शिक्षाविद को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर ओर शानदार योगदान के लिए जैवेल्स ऑफ हरियाणा अवार्ड 2023 सम्मान से सम्मानित किया।

इस शिक्षाविद की कहानी सभी को जरूर पढ़नी चाहिए। हरियाणा, महेंद्रगढ़ जिला के गांव ककराला में 1970 को जन्में जगदेव यादव का जीवन पूरी तरह संघर्ष को समर्पित रहा। दस वर्ष की आयु में पिता का साया सिर से उठ गया। परिवार में तीन भाईयों में सबसे बड़े होने के कारण छोटी सी उम्र में पूरी जिम्मेवारी उनके कंघों पर आ गई। पढाई के साथ- साथ खेती-बाड़ी कर किसी तरह परिवार  आगे बढ़ाया। बालिग होते ही शादी हो गई ताकि मां को सहारा मिल जाए।  पढाई पूरी होने के बाद एक निजी विद्यालय में तीन वर्ष तक अध्यापक के रुप में कार्य किया। इसी दौरान मन में विचार आया कि क्यों ना अपने गॉव में एक ऐसा विद्यालय कि स्थापना कि जाए जिसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास हो। आर्थिक हालात पक्ष में नहीं थे। किसी तरह संकल्प साथ  सत्र 2007 में गांव में एस डी  नाम से  विद्यालय की स्थापना की।  पहले सत्र में विद्यालय नर्सरी से दसवीं कक्षा तक 300 विद्यार्थियों कि संख्या ने उनके निर्णय को सही ठहरा दिया। अगले ही वर्ष विद्यालय को 12वीं कक्षा तक मान्यता प्राप्त हो गई। कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है कि वर्तमान में  महेन्द्रगढ व रेवाड़ी जिले में एसडी स्कूल की तीन शाखाओं में सैकड़ों विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा रहा है।

 शिक्षण संस्थान में सीखने और सीखाने की संस्कृति को मजबूत किया

समय के साथ शिक्षा के बदलते स्वरूप में एसडी शिक्षण संस्थान ने खुद को आगे रखा। सीखने और सीखाने की संस्कृति में अनुप्रयोगों के साथ व्यवहारिक अनुभव को सर्वोपरि माना। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ साथ एसटीईएम , रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल  इंटेलिजेंस ( इंटरनेट ऑफ थिंग्स ), डिजाइन थिंकिंग, उद्यमिता कौशल , कोडिंग और 3डी प्रिटिंग जैसे उन्नत तकनीकी उपकरणों में प्रशिक्षित किया जाता है।

 राष्ट्रीय स्तर की कोचिंग व्यवस्था लागू की

जगदेव यादव ने महसूस किया हमारे क्षेत्र के बच्चे कोचिंग के लिए कोटा, सीकर व दिल्ली जाते है जो अपने परिवार से दूर व लगभग वार्षिक एक से 1.5 लाख रुपये खर्च करते है फिर भी अभिभावकों के इच्छाअनुसार परिणाम भी नही दे पाते है। क्यों ना अपनी शिक्षण संस्थान में ऐसी व्यवस्था की जाऐ जिससे हमारे बच्चे को सामान्य फीस में इस तरह की कोचिंग मिल जाए। इसी विचार के साथ सत्र 2019-20 में रेडियंट क्लास के नाम से कोचिंग विंग की व्यवस्था कि गई। पहले ही प्रयास में जेई एडवांस में सत्र 2022 में चार विद्यार्थियों का चयन हुआ। नीट परीक्षा में छात्र हर्षित ने कक्षा कक्ष से 650 अंक प्राप्त कर अपने क्षेत्र का गौरव बढाया जो कि वर्तमान में एएफएमसी पूणे में अपना एमबीबीएस कोर्स पूरा कर रहा है। इनके साथ – साथ एन डी ए , केवीपीवाई, एनटीएससी, सीए व क्लेट में भी विदयार्थियों ने  सफलता प्राप्त कि है।

खेलों पर भी रहा विशेष फोकस

पढ़ाई के साथ साथ खेलों पर भी विशेष फोकस रहा।  विद्यालय में बॉक्सिंग खेल में  सरकार द्रारा नर्सरी खोली गईं। सभी प्रकार के इंडोर व आउटडोर के खेलों की बेहतरीन सुविधा पर पूरा ध्यान रखा।  वर्ष 2018 व 2019 में सीबीएसई नैशनल बॉक्सिग चैम्पियनशिप का आयोजन हुआ जिसमें पूरे देश के जोन की टीमें व विदेशों की 6 टीमों ने भाग लिया। 2019 में एसडी विद्यालय प्रथम स्थान प्राप्त कर चैम्पियन बना। रिलायंस फुटबॉल स्टेट चैपिंयनशिप 2022 में एस डी विद्यालय स्टेट ने ट्राफी पर कब्जा जमाया। ज्ञानपरीक्षा 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर चौथा स्थान व राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। अदिति आर्या छात्रा ने हरियाणा राज्य जूनियर एथेलेटिक चैंपियनशिप 2022 में 60मीटर रेस में गोल्ड मैडल जीता। एसजीएफआई 2022 में  261 बच्चों ने जिला स्तर पर गोल्ड मैडल , खेलो हरियाणा खेलों में 30 विद्यार्थियों का राज्य स्तर पर चयन हुआ

इनोवेशन सैंटर व रोबोटिक लैब की स्थापना

पीएम मोदी द्वारा चलाऐ गए डिजिटल इंडिया अभियान के तहत  इनोवेशन सैंटर व रोबोटिक लैब की स्थापना की गई। जिसके चलते सीबीएसई द्रारा आयोजित साईस एग्जीबिशन में प्रतिवर्ष नेशनल लेवल पर विद्यार्थियों द्रारा बनाऐ गए प्रोजेक्ट का चयन होता है वर्ष 2022 में नासा द्रारा 4 विद्यार्थियों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया जिन्होन एस्टरॉयड की खोज कि गई थी। विद्यालय की दो बेटियों का इसरो में चयन हुआ जो कि 13 मई से 26 मई 2023 तक गुजरात में परिक्षण के लिए गई थी।

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