पाकिस्तान में क्यों निशाने पर चीनी, क्या था 90 दिनों का अल्टिमेटम; जिसके बाद बढ़े हमले

पाकिस्तान में बीते दो सप्ताह में चीनी नागरिकों और उसके द्वारा तैयार किए जा रहे प्रोजेक्ट्स को निशाना बनाते हुए तीन हमले हुए हैं। मंगलवार को तो इतना भीषण हमला हुआ कि चीनी इंजीनियरों की गाड़ी ही उड़कर खाई में जा गिरी और 5 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा पाकिस्तानी मूल का एक ड्राइवर भी मारा गया। अब तक इन हमलों की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन इन हमलों ने पाकिस्तान और चीन दोनों की टेंशन बढ़ा दी है। अब तक बलूचिस्तान में ही इस तरह के ज्यादातर अटैक होते थे, लेकिन मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा के दासू में अटैक हुआ।

इस हमले के बाद पाकिस्तान इस कदर दबाव में है कि पीएम शहबाज शरीफ पूरी कैबिनेट के साथ चीनी दूतावास पहुंचे और हमले पर सफाई दी। इसे लेकर चीन ने भी गहनता से जांच की मांग ही और दोषियों पर ऐक्शन लेने को कहा है। फिर भी अब तक चीन और पाकिस्तान दोनों ही इन हमलों से निपटने में असफल ही दिखे हैं। कराची यूनिवर्सिटी में चीनी प्रोफेसरों पर हमला हो या फिर जुलाई 2021 में हुआ अटैक हो, जिसमें 9 इंजीनियर मारे गए थे। इन सभी में एक बात कॉमन थी कि निशाने पर चीनी नागरिक या प्रतिष्ठान थे।

मंगलवार को हुए हमले से पहले भी सोमवार की शाम को बलूचिस्तान के तुरबत में अटैक हुआ था। यह अटैक नेवी बेस पर हुआ था, जिसमें 5 आतंकवादी मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली थी। यह संगठन बलूचों का सशस्त्र समूह है, जो बलूच और बलूचिस्तान के अधिकारों को लेकर आक्रामक रहा है। बलूच लिबरेशन आर्मी यानी BLA ने इससे पहले भी चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर हमले किए हैं और इसकी शुरुआत 2018 में हुई थी। दरअसल इस संगठन का मानना है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान के संसाधनों का दोहन कर रहा है, लेकिन वहां के स्थानीय लोगों का उत्पीड़न हो रहा है।

बीते साल दिया था BLA ने 90 दिनों का अल्टिमेटम

बलूचिस्तान में एक बड़ा वर्ग मानता है कि पाकिस्तान ने जबरन उनके प्रांत को शामिल कर रखा है। इसकी शुरुआत भारत विभाजन के दौर से ही हुई थी, जब जिन्ना ने उनकी राय लेकर फैसला लेने का वादा किया था, लेकिन अंत में सैन्य बल के माध्यम से शामिल करा लिया। अब बलूच लिबरेशन आर्मी के लोग मानते हैं कि चीन भी हमारे दमन में पाकिस्तान का साथ दे रहा है। ऐसे में उसे यहां से हटना और अपने प्रोजेक्ट्स खत्म करने होंगे। अगस्त 2023 में भी BLA ने चीनी काफिले पर अटैक किया था और चीन एवं पाकिस्तान को 90 दिनों का अल्टिमेटम दिया था। जानकार मानते हैं कि उन 90 दिनों की अवधि खत्म हो गई है और इसीलिए अब बलूच अलगाववादी हमले कर रहे हैं।